मत छोड़ो कुछ भी अधूरा, कोई सपना देखो तो कर डालो पूरा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरा चुनाव इस बात का सबूत है कि गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन्हें पूरा भी कर सकता है. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?’’ हमने कहा, ‘‘सपनों का संसार अत्यंत विचित्र होता है. सपनों पर किसी का वश नहीं है. कोई पहले से नहीं बता सकता कि आज वह कौन सा सपना देखेगा. 

    एक बार राजा जनक ने ऋषि याज्ञवल्क्य से कहा कि मुनिवर, मैंने रात में सपना देखा कि शिकार के लिए घोड़ा दौड़ाता हुआ जा रहा हूं. रास्ते में बहुत प्यास लगी. वन में कहीं पानी नहीं था. मैं अकेला पड़ गया था और रास्ता भी भूल गया था. इसके बाद से मेरा चित्त अत्यंत अशांत है. इस पर याज्ञवल्क्य ने कहा कि राजन, न तुम्हारा सपना सत्य था, न यह संसार सत्य है जिसे तुम देख रहे हो.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसी फिलॉसफी की बातें रहने दीजिए. सपने का महत्व बड़े-बड़े लोग जानते हैं. अमेरिका में अश्वेतों को सिविल राइट्स दिलाने वाले मार्टिन लूथर किंग की आत्मकथा का नाम है- ‘आई हैव ए ड्रीम’. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि तुच्छ सपने देखना पाप है. इसका मतलब यह हुआ कि बड़े सपने देखो. यदि आपके लिए संभव है तो 70 एमएम में सिनेमा स्कोप पर्दे पर बड़ा सा कलरफुल सपना देखिए.’’ 

    हमने कहा, ‘‘फिल्मी दुनिया के लोगों को सपने से बहुत लगाव है. राजकपूर ने अपनी ढलती उमर में स्वप्न सुंदरी या ‘ड्रीम गर्ल’ कहलाने वाली हेमा मालिनी के साथ फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ में अभिनय किया था. सपनों को लेकर फिल्मी गीत हैं- सपने सुहाने लड़कपन के, मेरे नैनों में डोलें बहार बन के! देखो मैंने देखा है ये इक सपना, फूलों के शहर में हो घर अपना! सच हुए सपने मेरे, झूम ले ओ मन मेरे! तेरे-मेरे सपने अब एक रंग हैं! मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने!” 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कुछ लोग दिन में सपने देखते हैं जिसे डे ड्रीमिंग कहते हैं. सिर्फ सपना देखने से कुछ नहीं होता, कुछ पाने के लिए कर्म भी करना पड़ता है. यदि किसी लक्ष्य को पाने के सपने को लगातार कायम रखो तो वह एक दिन जरूर पूरा होता है. अगर किसी भी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो तो सारी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में जुट जाती है.’’