तालमेल हो रहे कैसे-कैसे, मन की बात और मनसे

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, मन की बात (Man Ki Bat) प्रधानमंत्री मोदी (PM narendra Modi) करते हैं जबकि मनसे राज ठाकरे (MNS Chief Raj Thackeray) की पार्टी है. मन की बात कहना भी एक आर्ट है. कुछ लोग मन ही मन घुलते रहते हैं और अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते. फिल्मी हीरोइन गाती थी- मेरी बात रही मेरे मन में, कुछ कह न सकी उलझन में! पुराना हीरो अपने मन की बात बताने के लिए हीरोइन से परमिशन मांगते हुए गाता था- मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बता दूं! मोदी अपने मन की बात कहने के लिए किसी की अनुमति नहीं मांगते. जैसे ही कुछ बोलने की अनुभूति हुई, कुछ सत्य तो कुछ कल्पनाओं का कॉकटेल बनाकर बोल डालते हैं. शास्त्रों में कहा गया है- वचनेशु किं दरिद्रता अर्थात बोलने में कंजूसी कैसी!’’
 
हमने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि मोदी एक कुशल कम्युनिकेटर या संवाद प्रेषक हैं जो बड़ी सहजता से देशवासियों को मन की बात कह जाते हैं. जैसे सूतजी नैमिषारण्य में 88 हजार ऋषि-मुनियों को सत्यनारायण की कथा सुनाते थे, वैसे ही मोदी भी 140 करोड़ भारतीयों को मन की बात सुना देते हैं!’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, मन की बात कहने से पहले उसे मन में उपजाना पड़ता है. गीता में कहा गया है कि मन की गति अत्यंत चंचल होती है लेकिन निरंतर अभ्यास से उसे वश में किया जा सकता है. फिर भी शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने मन को वश में किया हो. मेनका सामने आई तो विश्वामित्र का मन डोल गया. आत्मा की स्थिति मन से ऊपर है लेकिन चंद्रमा के समान चंचल मन उसकी नहीं सुनता. धर्मराज युधिष्ठिर का मन जुआ खेलने और पत्नी को दांव पर लगाने में जरा भी नहीं हिचकिचाया. एक बार जब अमिताभ अपनी फिल्में लगातार पिटने से हताश हो गए थे तो उनके पिता डा. हरिवंशराय बच्चन ने कहा था- मन का हो तो अच्छा और मन का न हो तो भी अच्छा! कभी ऊपरवाले की मर्जी इतनी प्रबल होती है कि मन की इच्छा पूरी नहीं होती और मन मारकर रह जाना पड़ता है. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के मन में यह बात आई कि बीजेपी का समर्थन किया जाए. वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपनी पार्टी का कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं करेंगे लेकिन फिर भी बीजेपी के लिए बीन बजाएंगे. क्या यूपी-बिहार के वे लोग बीजेपी और मनसे का साथ पसंद करेंगे जिन्हें परप्रांतीय कहकर राज ठाकरे ने पिटवाया था? आम तौर पर तालमेल करते समय पुरानी बातें भुला दी जाती हैं. मोदी के मन की बात का मनसे के साथ मिलाप हो गया!’’