पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज यह मत समझिए कि किसान हमेशा गरीब रहता है तथा अभाव में पैदा होकर अभाव में ही मरता है.
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज यह मत समझिए कि किसान हमेशा गरीब रहता है तथा अभाव में पैदा होकर अभाव में ही मरता है. अब तो बड़े-बड़े उद्योगपति खेती-किसानी से नाता जोड़ने का मन बना चुके हैं. उनकी इस क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी पैदा हो गई है. ये पैसा लगाकर कई गुना पैसा कमाने वाले हिकमती लोग हैं. जहां हाथ डालते हैं, वहां दौलत का अंबार लगा लेते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘आप कौन सी नई बात कह रहे हैं. हमारे कितने ही डॉक्टर, वकील, व्यवसायी भी खुद को किसान बताते हैं. वे अपना इनकम टैक्स बचाने के लिए ऐसा करते हैं. इनमें से अधिकांश के पास फार्महाउस हुआ करते हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारा संकेत अंबानी और अदानी जैसे सुपर रिच उद्योगपतियों की ओर है. 2017 में मुकेश अंबानी ने कृषि, शिक्षा व हेल्थ केयर में अपनी रुचि दर्शाई थी. उन्होंने तभी घोषित किया था कि ये तीनों क्षेत्र हमारे रोडमैप पर हैं. अब गौतम अदानी के बारे में सुनिए. अदानी ग्रुप के एग्रो बिजनेस विभाग के सीईओ अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि हम कृषि क्षेत्र (एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर) के बड़े खिलाड़ी कहलाना चाहते हैं और अदानी-विल्मर देश की बड़ी खाद्य कंपनी बनकर दिखाएगी. अदानी लॉजिस्टिक्स ने अनाज के स्टोरेज, हैंडलिंग, ढुलाई नेटवर्क में बहुत मोटी रकम का निवेश किया है. 2017 में अदानी ने फसल बीमा योजना भी शुरू की थी, हालांकि किसानों को उससे कोई लाभ नहीं हुआ.’’ हमने कहा, ‘‘जब इतने बड़े लोग खेती-किसानी और अनाज के बिजनेस में उतरेंगे और ठेके की खेती करवाएंगे तो छोटे किसान का कोई अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा. सरकार एमएसपी पर कानून बनाना नहीं चाहती और किसानों को इन्हीं कारपोरेट के भरोसे छोड़ रही है. वे शुरू में फसल की अच्छी कीमत देने के बाद किसानों को अपना असली रंग दिखाएंगे. वे किसानों पर अपनी शर्तें लादेंगे और कांट्रैक्ट फार्मिंग कराएंगे. किसान उनका गुलाम बनकर रह जाएगा. किसानों के पास सौदेबाजी की ताकत नहीं रह जाएगी.’’ पड़ोसी ने कहा,‘‘निशानेबाज, तो क्या यह समझा जाए कि सरकार किसानों को कारपोरेट के हवाले कर देना चाहती है और इसी के विरोध में किसान आंदोलन हो रहा है?’’ हमने कहा, ‘‘आप जो चाहे समझें. सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात कही थी. शायद उद्योगपतियों के भरोसे ही यह लॉलीपाप दिया गया होगा. किसानों के साथ लगी रहेगी परेशानी, आबाद होंगे सिर्फ अंबानी और अदानी!’’