nishanebaaz Aware of strong economy, Nirmala Sitaraman remembers Hanuman

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने हनुमान का स्मरण किया है. उन्होंने कहा कि विदेशी राष्ट्र और उद्योग सोचने लगे है कि अब समय आ गया है कि उन्हें भारत में निवेश करना चाहिए. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आ रहा है. संस्थागत निवेश करनेवाले विदेशी भी यहां शेअर मार्केट में पैसा लगा रहे हैं. स्टॉक मार्केट पूरे आत्मविश्वास में है. क्या यह हनुमान जैसा नहीं है जो अपनी अतुलनीय शक्ति और पराक्रम के बारे में भूल गए थे.’’

    हमने कहा, ‘‘निर्मला सीतारमन ने अवश्य ही रामायण पढ़ी होगी. यह बात सही है कि जाम्बवंत ने हनुमान को उनकी अपार शक्ति व क्षमताओं की याद दिलाई थी. रामचरित मानस के किष्किंधाकांड की पंक्तियां हैं- ‘कहइ रीछपति सुनु हनुमाना, का चुप साधि रहेहु बलवाना। पवन तनय  बल पवन समाना, बुधि विवेक विग्यान निधाना। कवन सो काज करीत जग नाही, जो नहीं होत तात तुम पाहीं। रामकाज लगी तव अवगरा, सुनतहिं भयक पर्वताकारा’। जब हनुमान को उनकी सुप्त शक्तियों का स्मरण कराया गया तो वे तुरंत समुद्र पार कर लंका जाने के लिए तत्पर हो गए और उन्होंने पर्वत के समान विशाल रूप ले लिया.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज वित्तमंत्री ने बताया है कि भारत को अपनी शक्ति के बारे में सजग होना चाहिए. वह हम पर 200 साल राज करनेवाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की चौथे नंबर की इकोनॉमी बन गया है. हमारे देश के उद्योगपति गौतम अदानी दुनिया के नंबर 2 धनवान व्यक्ति बन गए है. देश में 100 से ज्यादा अरबपति हैं. यह सब पीएम मोदी के चमत्कार की वजह से संभव हो पाया है.’’

    हमने कहा, ‘‘क्या वित्तमंत्री को मित्रों की अमीरी की चकाचौंध में देश की भारी बेरोजगारी दिखाई नहीं देती? इस बारे में निर्मला और पीएम मोदी क्यों नहीं बोलते?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बेकार की मीनमेख निकालने की बजाय अर्थव्यवस्था का उजला पक्ष मोदी और सीतारमन के चश्मे से देखिए और इस महान ज्ञान पर अभिमान करते हुए कहिए- मेरा भारत महान!’’