nishanebaaz

Loading

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, न जाने क्यों जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शक की नजर से देखा जाता है कि वह कभी भी पलटी मार सकते हैं. एक बार तो तेजस्वी यादव ने उन्हें ‘पलटू चाचा’ कहा था. अब ‘हम’ पार्टी के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कभी भी पलटी मार देंगे. राज्य में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट से राजद-जदयू-कांग्रेस के कार्यकर्ता परेशान हैं.

उन्हें आशंका है कि नीतीशकुमार फिर बीजेपी के नेतृत्ववाले एनडीए खेमे में न चले जाएं.’’ हमने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ भी हो सकता है. नेता का दिल उसे दलबदल की दिशा में जाने के लिए प्रेरित करता है. उसमें इतना लचीलापन रहना चाहिए कि चपलता से पलटी मार सके. उछलकर विपरीत दिशा में पलटी मारना भी एक आर्ट है. इसे अंग्रेजी में ‘बैक फ्लिप’ कहते हैं. इसे जाननेवाले फुटबॉल खिलाड़ी ‘साइकिल किक’ मारकर दर्शकों को चकित कर देते हैं.

क्रिकेट खिलाड़ी कभी बैक फुट पर जाकर खेलता है तो कभी फ्रंट फुट पर जाकर. नेता पलटी मारकर दूसरी पार्टी या गठबंधन में चल देते हैं और उसका औचित्य भी समझा देते हैं. जिसे पाला बदलना है, वह पलटी अवश्य मारेगा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह तो सिद्धांतहीनता और आदर्शों की मिट्टीपलीद करना हुआ. गिरगिट के समान रंग बदलनेवाला अपनी विश्वसनीयता खो देता है. अवसरवाद के प्लेटफार्म से उछलकर पलटी मारनेवाले पर भरोसा कौन करेगा?’’

हमने कहा, ‘‘सफलता हर तौर-तरीके को न्यायोचित ठहरा देती है पलटी मारने के कितने ही उदाहरण आपको मिल जाएंगे. रावणराज में पलटी मारकर विभीषण ने राम की शरण स्वीकारी थी. विभीषण को लंका का राज मिला था कि नहीं? कौरवों की संख्या 100 थी जिनमें सबसे छोटा भाई युयुत्सु पलटी माकर पांडवों के खेमे में आ गया था. नकुल-सहदेव के मामा शल्य ने कौरवों के पक्ष में जाकर युद्ध लड़ा था. वह कर्ण के सारथी बने थे. पलटी अदालत में भी मारी जाती है जब गवाह अपने बयान से पलट जाते हैं.’’