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    भंडारा. धान खरीदी लगभग एक माह विलंब से शुरू की गई, जिसमें 185 केद्रों को धान खरीदी की मंजुरी दी गई. अनेक केद्रों ने दो दिनों के भीतर ही लक्ष्य पुर्ती कर ली है. इस प्रकार की परिस्थिति में धान खरीदी केंद्र बंद करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं होने के कारण धान खरीदी केंद्र संचालकों द्वारा हड़ताल की शुरूआत की गई, जिसके कारण किसानों में रोष दिखाई दे रहा है.

    शासन की नितियों के अनुसार 1 मई से 30 जून के दौरान ग्रीष्मकालीन धान खरीदी की जानी थी. परंतु इस वर्ष शासन और फेडरेशन की नितियों के कारण मई माह में धान की खरीदी शुरू नहीं की गई, किसानों से प्रति एकड़ कीतनी धान की खरीदी की जाए, इस संबंध में निश्चित निर्णय नहीं लिया गया था. जिसके उपरांत दो से चार दिनों में एक एकड़ में 8 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी.

    इस प्रकार का निर्णय फेडरेशन द्वारा लिया गया. जिस पर धान खरीदी की सीमा बढ़ाए जाने को लेकर राजनीती भी शुरू हो गई है. अंत में 8.25 क्विंटल के अनुसार धान खरीदी किए जाने का निर्देश परिपत्रक जारी किया गया. यह परिपत्रक 31 मई को संस्थाओं को प्राप्त हुआ. जिले में धान बिक्री के लिए 59 हजार 685 किसानों ने 30 अप्रैल तक पंजीयन किया था, जिले के लिए 4 लाख 91 हजार 996 क्विंटल धान खरीदी की सीमा रखी गई है.

    जिसके अनुसार समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र को पणन कार्यालय द्वारा खरीदी की सीमा निश्चित की गई है. सिंदपुरी (सि.) के केंद्र पर 363 किसानों के पंजीयन करवाया है, 3 हजार 30 क्विंटल 83 किलो धान खरीदी की सीमा रखी गई है. जिले के सभी केद्रों की स्थिति इसी तरह है, समर्थन मूल्य में धान की बिक्री नहीं की गई तो किसानों को खरीफ के मौसम में साहुकार के द्वार पर खड़े रहने की नौबत आन पड़ेगी.

    किसानों के साथ अन्याय हो रहा

    समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र को दिया गया लक्ष्य निश्चित ही गलत है, खरीदी का लक्ष्य दो दिनों में पूर्ण होकर पंजीकृत किसानों को न्याय देने में संस्था नाकाम साबित हो रही है.

    बबलू शरणांगत, अध्यक्ष विविध कार्यकारी सहकारी संस्था, मुरली

    समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र मुश्किल में

    प्रशासन के पास किसानों की धान खरीदी के लिए ऑनलाइन पंजीयन किए जाने की जानकारी है, परिपत्र के अनुसार समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र मुश्किल में आ गया है, जिसमें एक एकड़ के लिए रखी गई सीमा के अनुसार धान की खरीदी करना आवश्यक है.

    सुरेश उताणे, अध्यक्ष सेवा सहकारी संस्था, सिहोरा