धर्मशाला: टेस्ट मैचों का शतक (100th Test) पूरा करने की दहलीज पर खड़े इंग्लैंड (England) के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) ने मंगलवार को कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि तक पहुंचना उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि इस बीच उन्हें कई कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ा।
यह 36 वर्षीय क्रिकेटर भारत के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में उतरते ही 100 टेस्ट मैच खेलने वाला इंग्लैंड का 17वां खिलाड़ी बन जाएगा। बेयरस्टो ने कहा,‘‘यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। कोई भी बच्चा जब पेशेवर क्रिकेट की अपनी यात्रा शुरू करता है तो वह 100 टेस्ट मैच खेलना चाहता है। मैंने 2012 में लॉर्ड्स में पदार्पण किया था और अगर 12 साल बाद आप कहते हैं कि मैं 100 टेस्ट मैच खेलने जा रहा हूं तो यह बेहद खुशी का पल होगा।”
बेयरस्टो जब आठ साल के थे तब उनके पिता और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर डेविड ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी मां जेनेट ने स्तन कैंसर से जूझने के बावजूद परिवार को एकजुट रखा। मैच के लिए तैयार की गई पिच के बारे में बेयरस्टो ने कहा कि मैदानकर्मियों ने बहुत अच्छा काम किया है। वनडे विश्व कप के दौरान यहां के विकेट की काफी आलोचना हुई थी।
उन्होंने कहा,‘‘यदि वनडे विश्व कप की आउटफील्ड को ध्यान में रखते हुए बात करें तो मैदानकर्मियों ने बेहतरीन काम किया है। पिच अच्छी नजर आ रही है और अगर आप इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की तरफ इशारा कर रहे हैं तो यह दोनों टीम के लिए अच्छा होगा।” बेयरस्टो ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 100वां मैच भी धर्मशाला में ही खेला था। उन्होंने इस मैच स्थल के बारे में कहा,‘‘केपटाउन मेरा पसंदीदा मैदान है लेकिन मुझे नहीं लगता कि विश्व में धर्मशाला से खूबसूरत कोई और मैदान है।”
(एजेंसी)