Vinesh Phogat Strong contender for medal at Tokyo Olympics
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    नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक 2020 से पहले भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट से सभी को पदक की उम्मीद बनी हुई थीं लेकिन क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर होने के बाद वह भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा अस्थायी रूप से निलंबित किये जाने के बाद चर्चा में बनी हुई हैं। 

    कुश्ती महासंघ ने हरियाणा की इस पहलवान को ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के कारण निलंबित किया था। हालांकि शनिवार को विनेश ने माफी मांग ली, पर अब भी ऐसी संभावना लग रही है कि महासंघ उन्हें आगामी विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं लेने देगा। विनेश ने देश को कई प्रतियोगिताओं में पदक दिलाये हैं और उनके पिछले कुछ समय के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें देश के लिये तोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 53 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में पदक की उम्मीद माना जा रहा था जिसमें वह शीर्ष वरीय थीं। 

    पर लगता है कि वह ओलंपिक के दबाव के कारण शानदार लय को कायम नहीं रख सकीं। रियो ओलंपिक 2016 में भी वह अच्छा नहीं कर पायी थीं जिसमें उन्हें घुटना मुड़ने के बाद स्ट्रेचर पर मैट से बाहर लाया गया था और इस बार भी वह खाली हाथ लौंटी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने तोक्यो से आने के बाद उन्हें अनुशासनहीनता के लिये नोटिस भेजा और जवाब देने के लिये 16 अगस्त तक का समय दिया। डब्ल्यूएफआई ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया जिससे उन पर आगामी प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर रोक लगा दी गयी। 

    महासंघ ने कहा कि विनेश ने तोक्यो में खेल गांव में भारत के अपने साथी खिलाड़ियों के साथ कमरा साझा करने से इनकार कर दिया था और साथ ही उन्होंने उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी। इसके अलावा विनेश ने मुकाबले के दौरान भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक के बजाय निजी प्रायोजक के नाम का ‘सिंगलेट’ (कुश्ती स्पर्धा के लिये पहनी जाने वाली पोशाक) पहना था। इस पर भारतीय ओलंपिक संघ ने भी कड़ी आपत्ति की थी। 

    डब्ल्यूएफआई ने साथ ही कहा कि वह ओलंपिक से पहले ट्रेनिंग के लिये हंगरी गयीं जबकि वहां उनके लिये कोई ‘स्पारिंग’ (अभ्यास के लिये जोड़ीदार) साथी नहीं था और महासंघ का मानना है कि अगर अच्छे जोड़ीदार के खिलाफ अभ्यास किया होता तो शायद ओलंपिक में नतीजा कुछ और हो सकता था। इस पर विनेश ने भावनात्मक जवाब देते हुए कहा कि वह तोक्यो में प्रदर्शन से मानसिक रूप से काफी परेशान हैं और शायद कभी मैट पर वापसी नहीं करेंगी। लेकिन महासंघ इस जवाब से संतुष्ट नहीं था। 

    फिर 26 साल की पहलवान ने इस नोटिस का जवाब दिया और अनुशासनहीनता के लिये माफी मांगी और कहा कि उनके पास खेलों में व्यक्तिगत फिजियो की सेवायें नहीं थीं। एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश ने मानसिक संघर्ष का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा था, ‘‘मैं जानती हूं कि भारत में आप उतनी ही तेजी से नीचे आते हो जितनी तेजी से ऊपर चढ़ते हो। 

    एक पदक (गंवाया) और सब कुछ खत्म। मैं नहीं जानती कि मैं कब मैट पर लौटूंगी। शायद मैं मैट पर लौट ही नहीं पाऊंगी। ” रियो ओलंपिक के सदमे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं टूटे हुए पैर से ही सही थी क्योंकि तब मेरे पास ठीक करने के लिये कुछ तो था। लेकिन अब मैं चोटिल नहीं हूं लेकिन अंदर से सचमुच टूट चुकी हूं। ” वर्ष 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश तोक्यो की तैयारियों के दौरान दो बार कोविड-19 वायरस से भी संक्रमित हो गयी थीं। गीता फोगाट और बबीता कुमारी उनकी चचेरी बहने हैं जिनके जीवन पर सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ बनायी गयी थी। 

    विनेश के चाचा द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर सिंह फोगाट ने उन्हें कुश्ती सिखायी और तब वह नौ वर्ष की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया था। अर्जुन पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं विनेश ने कई जूनियर कुश्ती प्रतियोगिताओं में दबदबा बनाते हुए सभी की उम्मीदों को पूरा किया। उन्होंने 2018 में सोमवीर राठी से शादी की जो दो बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान हैं। 

    विनेश पहली भारतीय पहलवान हैं जिन्होंने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीते हैं। भिवानी की यह पहलवान पहली खिलाड़ी हैं जिन्हें 2019 में प्रतिष्ठित लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्स पुरस्कार से नवाजा गया था। रियो ओलंपिक में घुटने में लगी चोट के बाद उन्होंने शानदार वापसी की और देश को कई पदक दिलाये। 2019 में उन्होंने अपने वजन वर्ग में बदलाव किया था जिसके बाद उन्होंने तनाव से गुजरने का भी खुलासा किया था। (एजेंसी)