gondpendri
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    नई दिल्ली/दुर्ग. वैस तो सभी जानते हैं कि रंगों का त्योहार होली अब नजदीक है। ऐसे में लोग होली का त्यौहार मनाने के लिए अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। हालाँकि कोरोना के चलते बीते 2 सालों से रंगों का त्योहार होली बेरंग था। वहीं संक्रमण कम होने से इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि पूरे देश में इस बार होली धूमधाम से मनाई जाएगी। 

    लेकिन आज हम आपको आज छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक ऐसे गांव के बारे में बताएँगे, जहां बीते कई सालों से होलीका दहन नहीं हुआ है साथ ही होली भी यहाँ नहीं मनाई जाती है।

    सालों से नहीं हुआ होलिका का दहन

    जी हाँ, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला में स्थित गोड़पेंड्री (Gondpendri) गांव के लोग कई वर्षों से होली नहीं मनाते आ रहे हैं और ना ही यहाँ होलिका का दहन होता है। अजी, दशकों से इस गांव में होली नहीं मनाई जा रही है है। दरअसल गांव के लोगों का मानना है कि आज से कई सालों पहले इस गांव में होलिका दहन के दिन दो समूह में जमकर लड़ाई झगड़े हुए थे और होलिका में ही एक युवक को जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी। 

    इस वजह से गांव के बुजुर्गों ने फैसला लिया कि इस गांव में अब कभी होलिका दहन नहीं होगा और ना ही कभी होली खेला जाएगी। बस अपनी उस परंपरा पर आज भी गांववाले कायम है।हालाँकि गांव के छोटे बच्चे आपस में ही रंग-अबीर और गुलाल घर में एक दूसरे को लगाकर होली खेल लेते हैं। लेकिन किसी प्रकार का कोई बड़ा उत्सव नहीं मनाया जाता हैं।