नई दिल्ली: गोवा बार मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय मंत्री की मानहानि मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कांग्रेस नेताओं पर बिना तथ्य जाने और छवि ख़राब करने के लिए जान बुज कर लगाए आरोप बताया है। अदालत ने कहा कि, गोवा के जिस बार को लेकर आरोप लगाया है वह न केंद्रीय मंत्री ईरानी का है और न ही उनकी बेटी का।
ज्ञात हो कि, गोवा में एक बार और रेस्टोरेंट को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर बिना लाइसेंस के शराब बेचने का आरोप लगाया था। कांग्रेस नेताओं के इस आरोप के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। ईरानी ने दोनों नेता से बिना शर्त माफ़ी मांगने की मांग की थी। जिस पर अदालत ने पिछले दिनों हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को सभी को नोटिस जारी कर सोशल मीडिया से पोस्ट हटाने का आदेश दिया था।
छवि ख़राब करने लगाए आरोप
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, “जिस बार को लेकर कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है वह पूरी तरह झूठे है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी या उनकी बेटी दोनों के नाम पर न तो उस बार है और न ही उसकी जमीन है। और न ही उन्होंने कभी लाइसेंस के लिए आवेदन किया।”अदालत ने आगे कहा कि, “कांग्रेस नेताओं ने बिना तथ्यों को जांचे केवल केंद्रीय मंत्री और उनकी बेटी की छवि ख़राब करने के लिए झूठे आरोप लगाए।”<
The plaintiff (Smriti Irani) or her daughter are not the owners of the restaurant. It has also been established by the plaintiff prima facie that the plaintiff or her daughter never applied for license.
— ANI (@ANI) August 1, 2022
आरोपों से छवि को हुआ नुक्सान
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि ऐसा करके स्मृति ईरानी की छवि को धूमिल करने का काम किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट के मुताबिक, असली तथ्यों का पता किये बिना बड़े आरोप लगा दिये गए थे, जिसकी वजह से स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा।