नई दिल्ली. आज राजधानी दिल्ली (Delhi) में यमुना नदी का जलस्तर (Water Level) बढ़ा हुआ है। जी हां, अभी यह खतरे के निशान के आस पास है। वहीं अब पूर्वी जिला प्रशासन इसे लेकर हाई अलर्ट पर है। आज यमुना नदी का जलस्तर 204.91 मीटर पर है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ठीक थोडा नीचे है. यहां चौबीस घंटे पानी के स्तर और नदी से सटे निचले इलाकों की निगरानी की जा रही है। हालांकि, अभी इन इलाकों को खाली करने जैसे कोई ऐलान या निर्देश जारी नहीं किया गया है।
Delhi | People live on the roadside as overflowing water from the Yamuna river inundates low-lying areas
Yamuna river flowing at 204.91 meters today morning, below the danger mark of 205.33 meters. pic.twitter.com/grt33iSyG5
— ANI (@ANI) August 14, 2022
‘ओवरफ्लो’ हो रहा यमुना का पानी
लेकिन प्रशासन द्वारा आस पास के लोगों को इस विषय पर अलर्ट किया गया है। हालाँकि यमुना नदी के ओवरफ्लो होने से मयूर विहार फेज I और अक्षरधाम मंदिर के पास निचले इलाकों में पानी भर गया है. वहीं इसके आस पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यहां रहना अब मुश्किल हो रहा है. यहां रहने वाली एक महिला ने बताया कि, फिलहाल पानी उनके घरों के अंदर तक आ गया है, जिसके चलते वे तुरंत अपने परिवार के सदस्यों और अपनी कुछ बकरियों को निकाल वहां से बहार आ गए हैं ।
#WATCH दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
प्रशासन द्वारा आस पास के लोगों को इस विषय पर अलर्ट किया गया है। वीडियो आज सुबह की है। pic.twitter.com/sCeQ5MNjxx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 14, 2022
जिला प्रशासन मुस्तैद
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने एहतिहातन यमुना पर नजर रखे हुए हैं है। वहीं आपदा प्रबंधन की टीम ने इसके लिए गोताखोर भी तैनात किए हैं। बता दें कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर और भी बढ़ सकता है। ऐसे में अगर यह खतरे के निशान से ऊपर जाता है तो यमुना खादर में बसे कई हजार लोगों को यहां से बाहर निकालना होगा।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि शनिवार को रात आठ बजे जलस्तर 205.88 मीटर से घटकर रविवार को सुबह आठ बजे 204.83 मीटर पर पहुंच गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम करीब चार बजे नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया था, जिससे अधिकारियों को निचले इलाकों से लगभग 7,000 लोगों को निकालना पड़ा। शनिवार देर रात करीब दो बजे जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच जलस्तर 204.75 मीटर तक घट सकता है और इसके बाद जलस्तर के और कम होने की संभावना रहेगी।
पूर्वी दिल्ली के उप मंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) आमोद बर्थवाल ने कहा कि नदी के निकटवर्ती निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने टेंट में ले जाया गया है। उत्तर पूर्वी जिले में करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि 200 लोगों को निचले इलाकों से ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचाया गया है और उन्हें गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से पीने का पानी, भोजन और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराई गई हैं। दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है। तब तटीय मैदानों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को निकाला जाता है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दिल्ली में यमुना के डूब वाले मैदानों और निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 37,000 लोग बाढ़ की चपेट में माने जाते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ संभावित डूब वाले मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को टेंट जैसे अस्थायी ढांचे और स्कूलों जैसे स्थायी भवनों के सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।”
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने सुबह छह बजे हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से लगभग 10,191 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी। पिछले 24 घंटे में पानी छोड़े जाने की सबसे ज्यादा दर शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे 17,827 क्यूसेक थी। शनिवार को दोपहर एक बजे पानी छोड़े जाने की दर 1.49 लाख क्यूसेक और बृहस्पतिवार को दिन में तीन बजे यह दर 2.21 लाख क्यूसेक थी। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।
आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 14 और 15 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में ‘‘अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ अत्यधिक वर्षा” होने की संभावना है।
यहां हो सकती है दिक्कत
वहीं गढ़ी मेंढूं, पुराना उस्मानपुर गांव, लोहे का पुल क्षेत्र, शास्त्री पार्क में बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं। इसके अलावा अक्षरधाम मंदिर के आसपास, पांडव नगर व शास्त्री पार्क, उस्मानपुर में कुछ लोग यमुना खादर में अभी भी फूलों की खेती भी करते हैं, जिन्हें भी नुकसान पहुंच सकता है।
साल 1978 में रिकॉर्ड स्तर पर था पानी
पता हो कि, साल 1978 में यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.49 मीटर पहुंच गया था। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर बना था। इसके बाद 2013 में यह 207.32 मीटर तक दर्ज किया गया है। हालाँकि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों कहा भी था कि वह बाढ़ जैसी किसी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।