अभी भी अनेक गांवों में शुरू नहीं हुई एसटी बसें, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही है तकलीफ

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    अकोला. कोरोना काल के पहले जिले के सभी छोटे छोटे गांवों तक एसटी महामंडल की बसें आती जाती थीं. कोरोना काल में सभी जगह की बसें बंद कर दी गयी थीं. इसके बाद ठीक तरह से सभी जगह की एसटी बसें शुरू भी नहीं हो पाई थीं कि एसटी महामंडल के कर्मियों की हड़ताल शुरू हो गई. यह हड़ताल एसटी महामंडल का विलीनीकरण सरकार में किया जाए इस मांग को लेकर थीं. यह हड़ताल कई माह तक चली. इसके बाद यह हड़ताल समाप्त हुई और एसटी बसें शुरू हुईं.

    अब यहां से नागपुर, अमरावती, नांदेड़, औरंगाबाद, पुणे, मुंबई मार्गों पर सभी जगह एसटी बसें आ जा रही हैं. इसके अलावा भी अनेक शहरों में एसटी बसों का आवागमन शुरू हो गया है. एसटी महामंडल उन्हीं शहरों में एसटी बसें भेज रहा है जहां से एसटी महामंडल को आमदनी मिलती है. जिले में भी सभी तहसीलों में एसटी बसें शुरू कर दी गयी हैं. अकोट, मुर्तिजापुर, तेल्हारा, पातुर, बार्शीटाकली, बालापुर आदि जिले के सभी शहरों में एसटी बसें आ जा रही हैं. 

    अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में बसें नहीं

    जिले के सभी शहरों में एसटी बसें शुरू हो गयी हैं. लेकिन अभी भी जिले के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में एसटी बसें शुरू नहीं की गयी हैं. इसी तरह हल्टिंग बसें भी शुरू नहीं हुई हैं. इस बारे में बातचीत करने पर कई किसानों ने बताया कि इस समय खरीफ फसलों की बुआई का मौसम चल रहा है. ऐसे समय में छोटे छोटे गांवों से लोग जिला मुख्यालय में खाद, बीज तथा अन्य खेती की सामग्री खरीदने के लिए आते हैं. लेकिन अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में एसटी बसें शुरू न होने के कारण किसानों को इस बार काफी तकलीफ हो रही है.

    इसलिए अनेक किसान या तो अपने दुपहिया वाहनों से यहां आ रहे हैं या किराए के निजी वाहनों द्वारा उन्हें आना जाना पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अकोला विभाग में अनेक एसटी डिपो के पास समुचित एसटी बसें नहीं हैं. इस ओर भी एसटी महामंडल ने ध्यान देना चाहिए तथा जिन जिन ग्रामीण क्षेत्रों में एसटी बसें नहीं हैं उन क्षेत्रों में एसटी बसों की व्यवस्था की जानी चाहिए. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिल सके.