Political wind is being created in the country on Uniform Civil Law- Ed. Prakash Ambedkar

Loading

अकोला. आगामी लोकसभा को देखते हुए समान नागरिक कानून पर सरकार की ओर से राजनीतिक हवा बनाई जा रही है. यह प्रतिपादन वंचित बहुजन आघाड़ी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर ने स्थानीय विश्रामगृह में आयोजित पत्र परिषद में किया है.

उन्होंने कहा कि समान नागरिक कानून पर देश में 1950 में ही चर्चा शुरू थी. इस कानून पर डा. बाबासाहब आंबेडकर ने उस समय पर चर्चा करने हेतु कहा था, लेकिन उस समय कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा. इस संदर्भ में उन्होंने आरएसएस से कहा कि हिंदू समाज में विवाह की दो पध्दति है, एक आंतरपाट विवाह पध्दत व दूसरी सप्तपदी विवाह पध्दत है. इसमें से इस कानून के लिए कौनसी एक पध्दत चुनेंगे, पहले यह स्पष्ट करें. तथा इस पर अपनी राय दें.

भाजपा आगामी चुनाव को देखकर इस कानून पर चर्चा कर रही है. क्योंकि उनके पास समाज विभक्त करने का कोई मुद्दा नहीं बचा है. इस कानून पर सरकार पहले ड्राफ्ट बनाकर दें, उसके बाद हम उस पर चर्चा करेंगे, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस कानून से किसी को लाभ व किसी का नुकसान नहीं होनेवाला है.

लोकसभा चुनाव आनेवाले है, इसलिए सिर्फ राजनीतिक हवा बनाने के लिए इस कानून की चर्चा की जा रही है. पत्र परिषद में वंचित बहुजन आघाड़ी के जिलाध्यक्ष प्रमोद देंडवे, जिला महासचिव मिलींद इंगले, जिला परिषद अध्यक्ष संगीता अढावू, मनपा के पूर्व गुट नेता गजानन गवई, सह जिला प्रसिद्धी प्रमुख विकास सदांशिव, दिनकरराव खंडारे, किशोर जामणिक, मरीजसेवक पराग गवई, डॉ. शंकरराव राजुस्कर, मरीज कल्याण समिति सदस्य नितिन सपकाल, शरद इंगोले आदि उपस्थित थे.