नवरात्रि उत्सव के लिए जोर शोर से तैयारियां शुरू, लोगों में देखा जा रहा है भारी उत्साह

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    अकोला. सोमवार से नवरात्रि उत्सव शुरू हो रहा है. इसे देखते हुए शहर भर में नवरात्रि उत्सव के लिए जोर शोर से तैयारियां शुरू की गयी है. पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण यह उत्सव अनेक प्रतिबंधों का पालन करते हुए मनाया गया था. लेकिन इस वर्ष प्रतिबंध न रहने से अब यह उत्सव उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. इसके लिए मंडलों की ओर तथा समितियों की ओर से विभिन्न तैयारियां शुरू हैं. इस वर्ष दुर्गोत्सव में लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है. 

    आदिशक्ति के नौ रूपों की होती है पूजा

    नवरात्र में भक्तों द्वारा आदिशक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक देवी के मंदिरों पर तथा परिसर में आकर्षक रोशनी की जाती है. इस दौरान अनेक भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं. ऐसे कई भक्त देखे जाते हैं जो इन नौ दिनों में अपने पैरों में जूता या चप्पल नहीं पहनते हैं. कुछ घरों में देवी मां के नियमित रूप से भजन होते हैं. शहर में कई ऐसे मंडल हैं जो देवी जागरण कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. अनेक स्थानों पर देवी के पंड़ाल के आस पास डांड़िया आदि खेला जाता है. 

    शहर सहित जिले में देवी मां के कई मंदिर

    शहर में रिजर्व माता का मंदिर काफी पुरातन मंदिर है जो बाग की देवी के नाम से भी जाना जाता है. इसी तरह पुराना शहर में रेणुका माता का मंदिर है, असदगड़ किला परिसर में सप्तश्रृंगी देवी का मंदिर है. इसी तरह महात्मा गांधी चौक से लगकर मां दुर्गा का मंदिर है. यहां भक्तों की भीड़ रहती है. शीतला माता और बाला देवी के भी मंदिर हैं. इसके साथ ही जिले के पातुर शहर में रेणुका माता का, बालापुर शहर में बाला देवी का मंदिर है. तहसील के ग्राम काटेपूर्णा में ढगा देवी का, चिंचोली में रुद्रायणी देवी का ग्राम दोनद में आसरा माता का मंदिर है. श्री राजराजेश्वर मंदिर, जो अकोला के आराध्य देवता हैं, यहां नवरात्रि के दौरान देवी के मंदिर को सजाया जाता है.