आज तगड़े पुलिस बंदोबस्त में निकली कांवड़ पालकी यात्रा, सिर्फ एक मान की पालकी को अनुमति

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    • श्री राजराजेश्वर मंदिर में किया जलाभिषेक

    अकोला. आज श्रावण मास के अंतिम सोमवार को सभी शिव मंदिर बंद होने के कारण लोगों ने बाहर से ही हाथ जोड़कर भगवान शिव को प्रणाम किया या बाहर से ही जो व्यवस्था की गयी थी उसके अनुसार जलाभिषेक किया. इसी तरह आज अंतिम सोमवार को हजारों शिवभक्त गांधीग्राम स्थित पूर्णा नदी का पवित्र जल कांवड़ पालकी द्वारा लाकर भगवान श्री राजराजेश्वर मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक करते थे.

    फिलहाल इस पर पाबंदी है और आज सिर्फ एक मान की पालकी के साथ 25 शिवभक्तों को ही जल लाकर जलाभिषेक की अनुमति दी गयी थी उस अनुसार तगड़े पुलिस बंदोबस्त में गांधीग्राम से अकोला तक शिवभक्तों ने मान की भगवान शिव की पालकी लाकर और कांवड़ में पूर्णा नदी का पवित्र जल लाकर श्री राजराजेश्वर मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक किया.

    इसी तरह श्री राजराजेश्वर संस्थान के ट्रस्टी नरेश लोहिया, एड.आर.एस. ठाकरे, एड.राम भौरदकर और कांवड़ पालकी के अध्यक्ष चंद्रकांत सावजी ने भी भगवान शिव के दर्शन किए और जलाभिषेक किया. आज गांधीग्राम से लेकर अकोला के श्री राजराजेश्वर मंदिर तक तगड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था.

    इसी तरह श्री राजराजेश्वर मंदिर के सामने भी पुलिस का काफी बंदोबस्त था. इस बारे में जिला पुलिस अधीक्षक जी.श्रीधर से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा जलाभिषेक कार्यक्रम बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. किसी प्रकार की कोई अनुचित घटना नहीं हुई.  

    यह राज्य सरकार की ज्यादती है-विधायक गोवर्धन शर्मा

    आज विधायक गोवर्धन शर्मा से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि जब बाजार और सभी प्रकार के प्रतिष्ठान खोल दिए गए हैं तो मंदिर खोलने में कौनसी तकलीफ हो रही है. उन्होंने बताया कि उन्होंने आज श्रावण के अंतिम सोमवार पर अपने घर में ही भगवान शिव की पूजा अर्चना की और श्री राजराजेश्वर मंदिर में बाहर से ही खड़े होकर मंदिर के कलश के दर्शन किए. उन्होंने कहा कि मंदिर शुरू नहीं करना यह राज्य सरकार की ज्यादती है और भक्तों के साथ एक प्रकार का अन्याय है. आज कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी किए गए नियमों के साथ सभी मंदिर खोलने चाहिए थे.