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अमरावती. जिले में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है. ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के 140 कर्मियों ने उन पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए कामबंद का ऐलान किया है. कर्मियों के अनुसार 90 प्रतिशत कंत्राटी कर्मचारी काम कर रहे है. बावजूद इसके वैद्यकीय अधिकारियों के मानधन में बढ़ोतरी कर कंत्राटी की ओर अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते कर्मियों ने काम बंद का ऐलान किया है. 

17,000 पद भर्ती का विरोध
कर्मियों की माने तो कोरोना में कंत्राटी कर्मियों ने जीतोड़ सेवा दी है. बार बार सरकार को ज्ञापन भेजने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला इसलिए जितना मिल रहा है, उतने ही वेतन में काम कर रहे हैं. कोरोना में भी कर्मियों ने दिन रात मेहनत की बावजूद इसके उनके सकारात्मक रवैये को न देखते हुए 17,000 पदों के लिए लिखित परीक्षा नहीं लिये बगैर ही पदभर्ती करने का ऐलान किया गया, जिससे उच्च शिक्षित व अनुभवी कर्मियों पर अन्याय होने का आरोप लगाते हुए कर्मियों ने कोरोना काल में ही सेवा खंडीत कर दी है.

मरीजों का जो भी नुकसान होगा इसके लिए भी कर्मियों ने शासन को ही जिम्मेदार ठहराते हुए बेमियादी आंदोलन करने का निर्णय लिया है. आंदोलन में रुपेश सरदार, प्रशांत निर्मल, आशीष खंडेझोड, गोकुल ठाकुर, निलकंठ ठवली, नलिनी रिंधोरे, निलेश देवीकर, रुपाली जवंजाल, दिपक सहारे, रिता मडावी, संदीप खडसे समेत सभी कर्मचारी उपस्थित थे.