
चुरणी. चिखलदरा तहसील के गरजधरी में पूरानी आंगणवाडी की इमारत जर्जर हो गई है. इस इमारत में 51 मासूम बच्चे जान जोखिम में डाल शिक्षा ग्रहण कर रहे है. हालांकि सरकार ने नई इमारत निर्माण के लिए लाखों रुपये खर्च किए है, लेकिन इसकी स्थिति बदतर है. नइ इमारत में वर्तमान में मवेशियों को रखा जा रहा. जिससे मासूमों के लिए सरकार द्वारा खर्च किए गए लाखों रुपये बर्बाद हो रहे हैं.
4 वर्षों बाद भी निर्माण अधूरा
गरजधारी गांव चिखलदरा तहसील के आखरी छोर पर स्थित है. यहां आंगनवाडी के लिए 10 लाख रुपये की लागत से जिला परिषद के माध्यम से नइ इमारत का निर्माण किया गया है. लेकिन 4 साल बाद भी इस इमारत का काम पूरा नहीं हो पाया है. वर्तमान में नई इमारत में कुछ ग्रामीण मवेशी बांध रहे हैं. इस ओर बाल विकास विभाग पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है. जिससे यह प्रतित होता है कि बाल विकास विभाग के साथ जिला परिषद को भी बच्चों के भविष्य के प्रति कोई दायित्व नहीं है. जिसके चलते प्रहार सेना के नीलेश सोलकर ने एक महीने के भीतर काम नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
निधि के अभाव में थमा काम
चिखलदरा तहसील में पाँच से छह आंगनवाड़ी हैं, जिनका काम बाद के वर्ष में रकम बढने से तथा आंगनवाड़ी का काम पुराने दर पर होने से काम बाकी है. लेकिन जब निधि आएगा तो काम पूरा कर लिया जाएगा. – प्रमोद ठाकरे, उपअभियंता, जिला परिषद, धारणी
बच्चों की जान को खतरा
नई आंगनवाडी का काम पूरा नहीं होने से खिड़कियां-दरवाजे टूटे हैं. इसमें ग्रामीण अपने मवेशियों को बांधते हैं. समाज मंदिर की पुरानी इमारत में आंगनवाडी के बच्चे बैठते हैं. यह इमारत जर्जर हो गई है. जिससे बच्चों की जान को खतरा है.
सुमित्रा सुरत्ने, आंगणवाडी सेविका, गरजधरी