डीजीपी, सीपी समेत 4 अफसरों की 6 को पेशी, नवनीत की शिकायत पर विशेषाधिकार समिति करेंगी फैसला

6 of 4 officers including DGP, CP to appear, Privilege Committee will decide on Navneet's complaint

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    अमरावती. सांसद नवनीत राणा की शिकायत पर संसदीय विशेषाधिकार समिति ने महाराष्ट्र के पुलिस महासंचालक रजनीश सेठ, मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे, अमरावती पुलिस आयुक्त डा. आरती सिंह व तत्कालीन डीसीपी शशिकांत सातव को 6 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए है.

    किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने सांसद और विधायक रवि राणा के साथ ज्यादतियां किए जाने का आरोप किया है. इसके पहले सीपी डा. आरती सिंह व तत्कालीन डीसीपी शशिकांत सातव की 9 मार्च को विशेषाधिकार समिति में पेशी हो चुकी है, लेकिन 6 अप्रैल की अगली पेशी में डीजीपी व मुंबई सीपी को भी समन भेजा गया है. 

    प्रधान सचिव ने भेजा समन 

    लोकसभा सचिवालय के प्रधान सचिव व उप सचिव के हस्ताक्षर से 29 मार्च 2022 को राज्य के पुलिस महासंचालक समेत 4 पुलिस अफसरों को 6 अप्रैल को दोपहर 3 बजे संसद भवन की विस्तारित इमारत में स्थित समिति कक्ष-सी में हाजिर रहने के निर्देश दिए है. इस अंतिम सुनवाई के बाद विशेषाधिकार समिति लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

    जिससे अब पुलिस आयुक्त डा. आरती सिंह पर दोष सिद्धि होकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना निश्चित रहने का दावा सांसद राणा ने किया है. साथ ही सीपी द्वारा पद का दुरुपयोग कर जमा की अवैध संपत्ति की जांच ईडी व सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना सांसद नवनीत ने जताई है. 

     50 सांसदों का मिला समर्थन 

     सांसद नवनीत राणा की शिकायत पर 50 से अधिक सांसदों ने समर्थन दिया है. सांसद नवनीत ने आरोप किया है कि अमरावती पुलिस आयुक्त डा. आरती सिंह ने राजनीतिक दबाव में आकर पद का दुरुपयोग कर बदले की भावना से विधायक रवि राणा व अन्य निरपराध नागरिकों के खिलाफ अकारण धारा 307 व 353 के मामले दर्ज किए. दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य हिमांद्री देसाई के खिलाफ पोस्को जैसा संगीन मामला दर्ज कर उनका जीवन बर्बाद करने का षडयंत्र रचा.

    भविष्य में किसी भी सामान्य नागरिक के खिलाफ इस तरह का अन्याय करने का दुस्साहस कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं कर पाए, इसके लिए यह शिकायत किए जाने की बात सांसद ने स्पष्ट की है. उन्होंने कहा है कि हमारी यह लड़ाई कोई व्यक्तिगत अथवा किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नहीं है. केवल भ्रष्ट प्रवृत्ति के खिलाफ यह लड़ाई लड़ी जा रही है. भ्रष्ट अधिकारियों को सबक सिखाने व संवैधानिक मार्ग से सामान्य नागरिकों का सक्षण करना हमारा कर्तव्य है. 6 अप्रैल को संसदीय विशेषाधिकार समिति के सामने सत्य कथन करेंगी.