amravati bus stand, MLA Sulbha Khodke

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अमरावती. जिले में जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और सड़क विकास के संदर्भ में सभी प्रकार की ढांचागत सुविधाएं और अच्छी गुणवत्ता वाली सुविधाएं बनाई जा रही हैं. वहीं यात्री परिवहन सेवाओं को सुरक्षित और मजबूत बनाना भी आवश्यक है. अमरावती मध्यवर्ती बस स्टॉप और आगार की पुरानी इमारत के पुनर्निर्माण और विस्तार के बारे में नागपुर शीतकालीन सत्र में सुलभा संजय खोडके ने सुझाव प्रस्तुत किया. इस संबंध में विधायक ने सरकार को दिए गए प्रस्ताव को वे कब और कितने दिनों में स्वीकार करेंगे? यह सवाल उठाया.

लोगों को हो रही परेशानी

पिछले 70 वर्षों से यातायात संभाल रहे अमरावती मध्यवर्ती बस डिपो व  बस स्टैंड में अब भीड़ बढ़ने लगी है. इमारत पुरानी है और खराब होने की कगार पर है. वहां साफ-सफाई नहीं है, शौचालय और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी पुरानी और जर्जर है. बरसात के दिनों में बस स्टैंड में पानी टपकने से छात्र-छात्राओं, महिलाओं व यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है. गैरेज (वर्कशॉप) एवं केन्द्रीय बस स्टेशन के दो भागों को मिलाकर एक उपयुक्त एवं विशाल नये बस स्टेशन का पुनर्निर्माण एवं विस्तार करना आवश्यक है. इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. इसके अलावा अमरावती में तपोवन-यूनिवर्सिटी क्षेत्र में गैरेज (कार्यशाला) भी है.  प्रस्ताव में एसटी बस गैरेज को वहीं रखने और वहीं से मरम्मत का काम करने का भी जिक्र है. हालांकि इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया गया है.

उन्होंने सवाल उठाया कि प्रास्तावित प्रस्ताव कब स्वीकृत होगा और परिवहन मंत्री दादा भुसे का ध्यान आकर्षित किया. इस दौरान पीठासीन अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि यात्री सेवा का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है और इस पर 20 प्रश्न प्राप्त हुए हैं. साथ ही 44 सदस्यों ने इस संबंध में सवाल उठाए हैं. चूंकि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए राष्ट्रपति की ओर से सुझाव दिया गया कि हम अगले दिन के कामकाज के दौरान इस पर चर्चा के लिए एक विशेष बैठक लेंगे. परिवहन मंत्री दादा भुसे ने कहा कि बस स्टेशनों को विकसित करने और उन्हें बीओटी आधार पर उपलब्ध कराने के लिए सुबोध कुमार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.