'Bridges of death' take water from village to village
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  • सप्ताह भर में 2 घटनाएं

अमरावती. जिले के अनेक तहसील व गांवों में कम उंचाई के पुल नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है. बारिश के दिनों में नदी, नालों को पार करते समय यह पुल ‘मौत के पुल’ बन रहे है. बीते रविवार की रात भातकुली तहसील में आमला के कम उंचाई के पुल से बह जाने से 3 व्यक्तियों की मौत हो गई थी. उसी प्रकार सप्ताहभर पहले कामनापुर जावरा में भी ऐसे ही एक पुल से 2 युवा बह गए थे, लेकिन सौभाग्य से ग्रामस्थों की सतर्कता से उन्हें बचा लिया गया. जनप्रतिनिधि व प्रशासन की अकार्यक्षमता ग्रामस्थों के लिए जानलेवा बन रही है. शासन, प्रशासन को कुंभकर्णी नींद से जागकर जिले के सभी कम उंचाई के पुलों का सर्वे कर उनकी उंचाई बढ़ाने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है.

जिले में अनेक घटनाएं
जिले में अब तक इस प्रकार की अनेक घटनाएं घटी है. कुछ वर्ष पूर्व धामणगांव रेलवे तहसील के अंजनसिंगी के समीप कार से यवतमाल से वर्धा जा रहा एक परिवार पुल से पार करते समय कार सहीत बह गया था. इस घटना में पूरे परिवार की मौत हो गई थी. उसी प्रकार मेलघाट में बैलगाड़ी से जा रहा किसान मासूम के साथ बह गया था. दो वर्ष पूर्व अपने बच्चों के लिए गणवेश ले जा रहा व्यक्ति की बाइक पुल से बह गई थी, जिसमें दोनों बच्चों की मौत हो गई थी. अचलपुर के बिच्छन नदी पर बने बौने पुल से एक छात्रा व एक सरकारी कर्मी बह गया था. उसके बाद इस पुल का निर्माण कर उंचाई बढ़ाई गई. 

ग्रामस्थों की सतर्कता से बचे 2 युवक
बीते 25 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश से कामनापुर पुल से पानी बह रहा था. इस दौरान कामनापुर के 2 युवक जावरा मार्ग से बाइक से गांव लौट रहे थे. काफी देर इंतजार के बाद पानी कम नहीं होने से पुल पार करने की कोशिश की, लेकिन बहाव अधिक होने से दोनों बाइक के साथ बह गए. इस वाकिए पर परिसर के कुछ नागरिकों की नजर पड़ी. उन्होंने रस्सी डालकर दोनों को बाहर निकाला, जिससे बड़ा अनर्थ टला. टाकरखेड़ा के रेणुका नाले की भी यही स्थिति है.

राहगिरों को दिक्कत
अंजनगांव सुर्जी तहसील के निमखेड़ बाजार के पास लखाड ते खिराडा गांव के बीच स्थित पुल की उंचाई भी कम है, जिससे मूसलाधार बारिश में कई बार यातायात बाधित होता है. अंजनगांव सुर्जी जाने के लिए एक मात्र मार्ग होने से राहगिरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.