Nylon Manja
प्रतीकात्मक तस्वीर

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अमरावती. छोटे बच्चे ही नहीं बल्की सभी लोगों में पतंग उड़ाने का शौक बरसों से चलता आ रहा है. पहले के जमाने में सीरस से मांजा तैयार किया जाता था. लेकिन गत कुछ वर्षों से चायनीज मांजा बाजार में आ गया है. इस मांजे की वजह से दुर्घटनाएं होने से चायनीज मांजा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है. फिर भी धड़ल्ले से बिक्री हो रहीं है. जिससे कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ रही है.

पहले के जमाने में साधा धागा लेकर चावल या सीरस से मांजा बनाया जाता था़  जिसमें कांच का बारिक चुरा धागे पर लगाया जाता था़  जिससे पेच दो पतंगों में लगती थी़  किंतु, कुछ वर्षों से चायनीज मांजे का प्रचलन बढ़ गया है. अब पतंगबाजी के लिए मांजा बनाना बंद कर दिया गया है. चायनीज मांजा ही चलने लगा है़  जिसके कारण सड़क पर कई हादसों में मांजे के कारण अपनी जान गवानी पड़ी. बिते कुछ वर्ष से यह चायनीज मांजा नायलोन के धागे में आने लगा.

जिसका घातक परिणाम आम जनता को अधिक भूगतना पड़ रहा है. कई जाने और बड़ी दुर्घटनाएं इस चायना के मांजे से हो गई है. जिसपर सरकार ने पाबंदी ला दी है. लेकिन कमाई को देख यह घातक मांजा शहर में खुलेआम बिक रहा है. आनेवाली मकर संक्रांति के पर बच्चों में पतंग उड़ाने का उत्साह चरम पर है. जिसके चलते दूकानदारों ने यह घातक मांजा बड़े पैमाने में अपने दूकानों में स्टॉक कर रखा है. सरकार द्वारा लगाई पाबंदी की ओर अनदेखी करते हुए खुलेआम मांजे की बिक्री की जा रही है. नगर परिषद प्रशासन व पुलिस विभगा का इस ओर ध्यान नहीं दिख रहा है. जिससे शहर में आनेवाले दिनों में मांजे से दुर्घटना होने की संभावना को टाला नहीं जा सकता है.   

चायनीज मांजा विक्रेताओं पर होगी कार्रवाई

बच्चों के पसंदीदा त्यौहार पतंगोत्सव में अवैध रूप से चायनीज मांजा बेचनेवाले व्यापारियों पर नगर परिषद द्वारा टीम बनाकर उचित कार्रवाई की जाएगी. जिससे भविष्य में नायलान मांजा से होनेवाली दुर्घटनाओं पर रोक लगेगा. नागरिकों ने स्वयं भी चायनीज मांजा की खरीदी नहीं करनी चाहिए.