डायरी, कैलेंडर खरीदी से नववर्ष की तैयारी, कोरोना मंदी की मार कायम

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अमरावती. हर साल दिसंबर के महीने में दुकानों में डायरी और कैलेंडर दिखाई देने लगते है. इस वर्ष भी नव वर्ष का स्वागत के लिए डायरी और कैलेंडर खरीदने नागरिकों की दूकानों में भीड हो रही है. कोरोना महामारी के कारण, इस वर्ष लगभग पूरे वर्ष स्कूलें बंद रही. नतीजतन, शालेय साहित्य बिक्री में भी 75 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन साल के अंत में, डायरी और कैलेंडर खरीदने के लिए स्टेशनरी प्रतिष्ठानों में चहल पहल है. 

खरीदी की अलग-अलग वजह

वर्ष 2020 सभी मायनों में नागवार गुजरा है. वर्ष की शुरुआत में मार्च में कोरोना संकट आया. लॉकडाउन ने सभी करोबार ठप कर दिया. इसके बाद हुई अतिवृष्टि और बेमौसम बारिश ने फसलों को तबाह कर दिया. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. सभी को परेशान हलाकान हुए. इन संकटों से उबरते हुए वर्ष समाप्त हो रहा है. इस अनचाहे वर्ष को अलविदा कहकर नए साल का स्वागत करने के लिए सभी तैयार है.

कई नागरिक वर्ष के अंत में एक नई डायरी खरीदना पसंद करते है जिसमें नया साल अच्छा स्वास्थ्य लाने के नए साल की सुखद यादें भी डायरी में उतारी जा सकें. डायरी लेखन की कला नियमित लेखकों को अवगत होती है. लेकिन कुछ लोग अपने दैनिक खातों को लिखने और विशेष बोल्ड एंट्री करने के लिए डायरी का सीमित उपयोग करते है. जबकि कुछ नागरिक इन डायरियों का उपयोग केवल दिन की महत्वपूर्ण या बाद की तारीखों की प्रतिबद्धताओं को दर्ज करने के लिए करते है.

विभिन्न प्रकार की डायरियां

पॉकेट डायरी की कीमत 25 रुपये से 75 रुपये के बीच है. दैनिक उपयोग के लिए 80 रुपये से 800 रुपये में डायरी उपलब्ध है. ऑर्गनायजर 500 रुपये से तथा प्लैनर्स 100 से 200 रुपये में उपलब्ध है. 12 डायरियों के मासिक सेट की कीमत 85 रुपये से 150 रुपये है. इसके अलावा, एक्जिक्युटिव, इंजीनियर्स, वकील आदि पेशेवर डायरी पसंद की जाती है. इस तरह की लॉक होनेवाली डायरी भी अब बाजार में उपलब्ध है. फोन नंबर लिखने के लिए पहले डायरी का महत्वपूर्ण उपयोग था, अब जब सब कुछ मोबाइल और लैपटॉप में रिकॉर्ड किया जा सकता है, तो युवाओं का झुकाव डायरी की तरफ कम हो गया है.

उत्साह नहीं

कोरोना संकट का कई व्यवसायों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. डायरी व्यवसाय भी इससे अछुता नहीं है. हालांकि इस वर्ष डायरियों में कोई मूल्य वृद्धि नहीं हुई है, फिर भी ग्राहकों प्रतिसाद कम है. कॉर्पोरेट क्षेत्रों द्वारा भेंट देने के लिए डायरियों की डिमांड रहती है. लेकिन इस साल, वे भी कुछ खास उत्साहीत नहीं है.-शशांक लोखंडे, संचालक, चॉईस गिफ्ट एण्ड जनरल स्टोअर्स