पेयजल संकट: कांग्रेस ने दी आंदोलन करने की चेतावनी, पानी न मिलने से लोगों में रोष

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चांदूर रेलवे (सं). शहर की वर्तमान एवं भविष्य में पेयजल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मालखेड डेम से मांगे गए पानी को नगर जलापूर्ति के लिए आरक्षित करने से इंकार कर इस डेम से जलापूर्ति योजना के तहत चिरोड़ी तथा अन्य 4 गांवों के लिए जल का आरक्षण कर शहरवासियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. चांदूर रेलवे शहर के लिए प्राथमिकता के तौर पर मालखेड़ डेम से पानी दिया जाए साथ ही चिरोड़ी के साथ-साथ अन्य 4 गांवों की जलापूर्ति किसी अन्य स्रोतों से की जाए, अन्यथा चांदूर शहर के निवासियों द्वारा जलापूर्ति के संबंध में तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी कांग्रेस ने दी है. पत्र वार्ता में पूर्व नगराध्यक्ष शिटूट सूर्यवंशी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष निवास सूर्यवंशी, हर्षल वाघ, देवानंद खुने, गोटू गायकवाड़, सुमेध सरदार, रूपेश पुडके, अनीस सौदागर, प्रफुल्ल कोकाटे, राजू लांजेवर, अवि वानरे, संकेत जगताप, बंटी माकोडे, कैलास दांडेकर, रमेश गिरुलकर, भीमा पवार, विलास मोटघरे और अन्य उपस्थित थे.

मालखेड़ बांध से जल आरक्षण खारिज 

इस संबंध में आयोजित पत्र वार्ता में बताया गया कि जलजीवन मिशन के अंतर्गत पांच गांवों चिरोड़ी, पाथरगांव, सावंगी मगरापुर, कारला, थुगांव योजना के लिए मालखेड बांध से जलापूर्ति प्रस्तावित है. मालखेड लघु परियोजना वर्ष 1972 में पूर्ण हुई तथा 1974 से इस परियोजना तहत नगर परिषद चांदूर रेलवे के निवासियों को ग्रेविटी द्वारा जलापूर्ति जारी है. वर्ष 2020 में चांदूर रेलवे शहर की बढ़ी हुई जनसंख्या एवं भविष्य में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2050 तक जल आरक्षण में वृद्धि का प्रस्ताव नगर परिषद चांदूर रेलवे के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था. मालखेड़ परियोजना का जल संचयन के अनुसार मालखेड़ बांध में उपयोगी जल के लिए 8.9 35 दलघमी है. जिसमें से 1.73 दलघमी चांदूर रेलवे कस्बे की जलापूर्ति के लिए आरक्षित है. वहीं जलजीवन मिशन के तहत मालखेड़ बांध से चिरोड़ी, सावंगी मगरापुर, कारला, थुगांव, पाथरगांव के 5 गांवों के लिए क्षेत्रीय जलापूर्ति योजना को दिनांक 17 जून 2022 को तकनीकी स्वीकृति देकर दिनांक 23 अगस्त 2022 को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है. उक्त 5 ग्रामों की जलापूर्ति हेतु 30 वर्ष अर्थात् वर्ष 2054 की जनसंख्या हेतु 0.417 दालघमी जल आरक्षित करने की मांग की गई है.

5 गांवों को बागाजी सागर से दें पानी

वर्तमान में चांदूर के निवासियों को बारह माह तक हर 4-8 दिन में पानी की आपूर्ति हो रही है और इससे काफी असुविधा हो रही है. अगर चांदूर शहर के आरक्षण को खारिज कर इन पांच गांवों के लिए मालखेड बांध से पानी का आरक्षण दिया जाता है तो संभावना है कि इस महीने से चांदूरवासियों को माह में सिर्फ दो दिन पानी मिलेगा. लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक उद्देश्य से चांदूर शहर की ओर पूरी तरह से अनदेखी करते हुए और उनके साथ अन्याय करते हुए चांदूर शहर का आरक्षण खारिज कर इन 5 गांवों के लिए प्रशासन और सरकार द्वारा जलापूर्ति करने की साजिश की गई. 

दोगलेपन का आरोप

चांदुर रेलवे शहर के निवासियों के लिए 0.314 दालघमी की मांग को खारिज करना और साथ ही इन 5 गांवों के लिए 0.417 दालघमी की मांग को पूरा करना चांदूर के निवासियों के साथ बहुत क्रूर अन्याय है. यह एक ऐसा मामला है जो महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और जल संसाधन विभाग के दोगलेपन को स्पष्ट करता है. तथापि, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और चांदूर रेलवे शहर की मांग के अनुसार मालखेड बांध से जल आरक्षण स्वीकृत किया जाना चाहिए. चांदूर शहरवासी उक्त गांव को इस बांध से पानी सप्लाई करने का पुरजोर विरोध करते हैं. इसलिए अन्याय मत करो, अन्यथा चंदूर रेलवे के लोगों के पास आन्दोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा और यदि इसमें कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होने की बात प्रेस कांफ्रेंस में कही गई.