Leopard Cubs

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    अमरावती. महादेव खोरी क्षेत्र के पास 1 सितंबर की सुबह बगीचे में मिले तेंदुए के दो शावकों की 2 सितंबर की देर रात 3.55 बजे अपनी मां से पुनर्भेंट हुई. वन विभाग के अथक परिश्रम के बाद तेंदुए के शावकों को अपनी मां से भेट हो गई. मां को देखकर दोनों शावक उत्साहित और खुश हो गए. इसी बीच मादा तेंदुआ बिना एक पल की देरी किए अपने शावकों को लेकर जंगल में निकल गई. इस भावपूर्ण दृश्य देख कर वन विभाग के कर्मचारी व वन प्रेमी काफी प्रभावित हुए. 

    क्षेत्र में ही भटक रही थी  

    1 सितंबर की सुबह करीब 11 बजे वडाली वन क्षेत्र के महादेव खोरी क्षेत्र में एक नर्सरी के पास जंगली जानवर तेंदुए के दो शावक दिखाई दिए. दो 6 से 8 महीने के तेंदुए के शावकों को बचा कर व दोनों बछड़ों के स्वस्थ होने की जाँच के बाद, उसी दिन रात 10 बजे बछड़े को उनकी मां के साथ उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ने के प्रयास शुरू किए गए. उक्त स्थान पर ट्रैप कैमरा, बछड़ा पिंजरा लगाया गया था. कुछ ही दूरी पर वन क्षेत्राधिकारी वर्षा हरणे, मोबाइल टीम, पर्यावरण प्रेमी डॉ. स्वप्निल सोनोने व वनकर्मी, वन रक्षक व अन्य कर्मचारी बछड़ों की निगरानी कर रहे थे. इस बीच गुरुवार रात करीब 12 बजे उस बछड़े की मादा तेंदुआ आसपास के इलाके में महसूस की गई. लेकिन उस वक्त बछड़े का फिर से मां से मिलन नहीं हो सका था. 

    उत्साहित हुए शावक 

    वन विभाग ने 2 सितंबर की रात तेंदुए के शावक को उसकी मां से मिलाने की योजना बनाई थी. आधी रात के बाद तेंदुआ मां उसी परिसर में घूम रही थी. लेकिन वास्तव में सुबह 3.55 बजे करीब पौने बजे मादा तेंदुआ बछड़ों के पिंजरे के पास आ गई. बछड़ों ने जैसे ही अपनी मां को देखा, वे बड़े उत्साहित हो गए. उसी वक्त सुरक्षा झोंपड़ी में मौजूद सहायक वन संरक्षक के निर्देशानुसार पिंजड़ों का दरवाजा रस्सी से खोला गया. उसके बाद बिना एक पल की देरी किए मादा अपने दो बछड़ों को लेकर खुशी-खुशी जंगल में चली गई.

    जब तेंदुए के शावकों से मिली मां..!

    नागरिकों को तेंदुए के दो शावक मिलने के बाद फ्रेजरपुरा थाने के थानेदार अनिल कुरालकर ने अपनी टीम मौके पर भेजी. उन्होंने भीड़ को हटाने का नियोजन कर वन विभाग की टीम की मदद की. वन विभाग  तेंदुए के दो शावकों को उनकी मां से मिलाया. वन संरक्षक चंद्रशेखरन बाला वनपाल अमोल गावनेर, पठान और दल के सदस्यों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की.