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    अमरावती. पदोन्नति में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए आरक्षण हक कृति समिति की ओर से शनिवार को आक्रोश मोर्चा निकाला गया. इस समय इर्विन चौक स्थित डा.बाबासाहब आंबेडकर व राजर्षी शाहू महाराज की प्रतिमा को माल्यार्पण कर जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकाला गया. विभिन्न संगठनों के माध्यम से हजारों कर्मचारी आंदोलन में शामिल हुए. राज्य सरकार के 7 मई का अध्यादेश रद्द करने की मांग के लिए जिलाधिकारी शैलेश नवाल के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार को ज्ञापन भेजा गया.

    घंटो तक यातायात बाधित 

    पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने के राज्य सरकार के निर्णय से लाखों पिछड़े वर्ग के अधिकारी व कर्मचारियों का संविधानिक अधिकार छीनने का आरोप भी कर्मियों ने ज्ञापन में किया. इसीलिए सरकार के विरोध में पिछडे वर्गीय कर्मियों में तीव्र असंतोष है. आरक्षण हक कृति समिति की ओर से 20 मई को भी तहसील स्तर पर आक्रोश ज्ञापन राज्य सरकार को भेजा गया. बावजूद इसके सरकार ने दखल नहीं ली. इसीलिए हजारों कर्मियों ने आक्रोश जताने यह मोर्चा निकाला.

    इस मोर्चे में शामिल कर्मियों की रिकॉर्ड तोड़ संख्या के कारण जिलाधिकारी कार्यालय मार्ग का यातायात पूरी तरह से बाधित रहा. तगड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच या मोर्चा निकाला गया. ज्ञापन सौंपते समय डा. नितिन कोली, विजय चौरपगार, डा. कमलाकर पायस, विट्ठल मरापे, एड. पीएस खडसे, एड.एमएन चोखांद्र, डा. मधुकर मेश्राम, प्रा.शैलेश गवई, एड.उमेश इंगले, डा.निलिमा भटकर, डा.निशा शेंडे समेत हजारों कर्मी शामिल हुए. 

    30 संगठन हुए शामिल 

    आरक्षण हक कृति समिति की ओर से आयोजित मोर्च में 30 संगठन शामिल हुए. जिसमें वंजारी सेवा संघ, महाराष्ट्र पूरानी पेंशन हक संगठन, प्रहार शैक्षणिक बहुउद्देश्यीय संगठन, आदिवासी फांसी पारधी समाज संघ, आदिवासी हलबा हलबी समाज संगठन, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय चर्मकार महासंघ, प्रजासत्ताक शिक्षक महासंघ, संत रविदास जीवन विकास का उद्देश्यसंस्था, आरपीआई खोरीपा, भारतीय बौद्ध महासभा, वंचित बहुजन आघाडी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एससी एसटी और ओबीसी कर्मचारी संगठन, मानवी आदिवासी संस्था, आदिवासी कोरकू विकास संगठन, असम आदिवासी सेवा मंडल, महाराष्ट्र राज्य पुलिस पाटील एसोसिएशन, मुनिदा उद्देश्य महिला मंडल, अस्तित्व उद्देश्य संस्था, मूलनिवासी संघ बहुजन, एंप्लॉय फेडरेशन ऑफ इंडिया, प्रतिकार सामाजिक संगठन, राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन आदि शामिल हुए.