Dongre Press

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अमरावती. वडाली स्थित प्रसिद्ध महादेव संस्थान की जमीन बेचकर तहसीलदार संतोष काकडे ने भ्रष्टाचार करने का आरोप पूर्व महापौर अशोक डोंगरे ने लगाया है.

बिल्डर ने खरीदी जमीन

उन्होंने पत्र परिषद में बताया कि वडाली के महादेव संस्थान की खेत जमीन पांडुरंग कृष्णा तेली ने अपने जीवितपन में 2 अप्रैल 1910 को संस्थान को दी. 1975 से 2019 तक 44 साल यह जमीन बंजर पड़ी थी. जमीन की जांच तथा गैरकानूनी रूप से जमीन हस्तांतरित होने को लेकर तत्कालीन तहसीलदार संतोष काकडे ने पटवारी या मंडल अधिकारी की रिपोर्ट न लेते हुए 150 करोड़ की जमीन बिल्डर को बेच दी. उसके लिए भारी कमीशन भी लिया. बिल्डर ने 40 साल पुराने पेड़ काटकर अवैध गौणखनिज उत्खनन कर टेकडी की जमीन समतल की है. सरकारी और राजस्व नियमों को पैरोतले रौंदा है. देवस्थान की जमीन भोगवत वर्ग 2 की जमीन गलत पध्दति से वर्ग कर बिल्डर को सौंप दी है.

फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग

डोंगरे ने कहा कि महादेव संस्थान में धार्मिक कार्यक्रम होते हैं. यह जमीन दानपत्र पर दी गई थी. हमने महाशिवरात्रि पर कालीफीत लगाकर करने का निर्णय लिया है. हिंदुओं की जमीन इस तरह भूमाफियाओं को दी गई है. संतोष काकडे पर फौजदारी अपराध दर्ज कर निलंबित करने की मांग की गई. काकडे पर कार्रवाई न हुई तो 15 मार्च से संभागीय आयुक्तालय के समक्ष आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी.