Tribal Protest

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अमरावती. नागरिकों की लगातार शिकायतों का निवारण करते हुए दर्यापुर नगर परिषद ने सूअर पकड़ने की मुहिम शुरू की. इसके लिए एक निजी ठेकेदार नियुक्त किया गया. ठेकेदार द्वारा मुहिम शुरू किए जाने पर पुलिस के हस्तक्षेप पर उन्हें थोड़ा समयावधि देकर सूअर गांव के बाहर छोड़ने को कहा गया जिसे यह कार्रवाई वहां पर रोक दी गई थी. लेकिन मुख्य अधिकारी के आदेश पर फिर एक बार सूअर पकड़ने की मुहिम शुरू की गई जिसके विरोध में घुमंतू, आदिवासियों ने दर्यापुर नगरपालिका पर मोर्चा निकाला. 200 से 250 सूअरों से भरे ट्रक सीधे नगरपालिका के प्रवेश द्वार पर लेकर धमक पड़े.

2 घंटे नप प्रवेश द्वार पर हंगामा

दर्यापुर नगर परिषद के प्रवेश द्वार पर सूअरों से भरी दो वैन और बाल-बच्चों के साथ आंदोलनकारियों ने डेरा जमा लिया. एक भी गाड़ी भीतर से बाहर और बाहर से भीतर नहीं जाने देने की चेतावनी दी. जिसके कारण कुछ ही मिनटों में दर्यापुर नगरपालिका के सामने जबरदस्त तनाव निर्माण हो  गया. मुख्याधिकारी के पास नांदगांव खंडेश्वर का भी प्रभार है, जिसके कारण पिछले दो दिनों से मुख्याधिकारी दर्यापुर में नहीं थे. इस दिन भी कलेक्टर ऑफिस में मीटिंग होने की बात बताकर दर्यापुर नहीं आए जिससे संबंधित आदिवासी और पारधी समाज के लोगों ने नप के प्रवेश द्वार पर जबरदस्त हंगामा मचाया जिससे पुलिस बुलानी पड़ी. लगभग दो घंटे नप के प्रवेश द्वार के सामने यह औचक आंदोलन चला. 

रकम मांगने का लगाया आरोप

आदिवासी, पारधी समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी ने सूअरों को पकड़ने की मुहिम रोकने के लिए हमें २ लाख रु. सालाना देने की मांग की. इन आरोपों के बारे में छेड़े जाने पर स्वास्थ्य निरीक्षक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने साफ कहा कि मैं मेरी ड्यूटी निभा रहा हूं. सीओ के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है. इस बीच आंदोलनकारी आदिवासी, पारधी समाज के लोगों ने चेताया कि जब तक सीओ कोई फैसला नहीं दे देते तब तक हम हमारे बाल-बच्चों के साथ नगर परिषद के प्रवेश द्वार के सामने ही अपना डेरा जमाए रहो, समाचार लिखे जाने तक कोई हल नहीं निकल पाया था. सूअरों से भरी दो वैन जमा कर दी गई. यहां अब पुलिस का कड़ा बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है.