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छत्रपति संभाजीनगर: गरीब परिवारों का घर का सपना साकार करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में शहर में निर्माण किए जाने वाले इमारतों का ठेका लेने के लिए तीन बड़ी एजेंसियों द्वारा किए गए घोटाले उजागर होने के बाद शुक्रवार को केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने ठेका लेने वाले प्रमुख तीन आरोपियों के पांच स्थानों पर छापेमारी (Raids) की। ईडी द्वारा की गई इस कार्रवाई से शुक्रवार को शहर में दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म था। ईडी की कार्रवाई से शहर वासियों में खलबली मची हुई है। इस घोटाले का प्रमुख आरोपी अमर अशोक बाफना जिले के बीजेपी विधायक का करीबी रिश्तेदार होने की जानकारी सामने आ रही है।

ईडी के अधिकारियों ने महानगरपालिका के अधिकारियों को साथ लेकर शुक्रवार की सुबह से इस घोटाले के प्रमुख आरोपी समरथ कन्स्ट्रक्शन के संचालक अमर अशोक बाफना के पानदरीबा परिसर में स्थित मकान के अलावा उसके समर्थ नगर में स्थित  कार्यालय में छापेमारी की। उसके अलावा  सुंदर कन्स्ट्रक्शन के सतीश भागचंद रुणवाल और अन्य एक आरोपी के घर पर छापेमारी की। 

पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम भी कर रही जांच

महानगरपालिका द्वारा कुछ सालों पूर्व पीएम आवास योजना के इमारतों के निर्माण के लिए जारी किए टेंडर भरने के लिए एक ही आईपी एड्रेस से टेंडर भरे थे। यह घोटाला उजागर होने के बाद तीन एजेंसी में शामिल एक एजेंसी जेग्वार ग्लोबल सर्विसेस के संचालक ने महानगरपालिका के अधिकारियों से मुलाकात कर साफ किया था कि उनके एजेंसी ने पीएम आवास योजना के लिए शहर महानगरपालिका द्वारा निकाली गई निविदा में टेंडर ही नहीं भरा है। इस घोटाले को लेकर सिटी चौक और शहर की क्राइम ब्रांच पुलिस जांच में जूटी हुई हैं। इसी दरमियान शुक्रवार की सुबह केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अलग-अलग टीम ने सुबह से शहर में छापेमारी की। 

एक ही पोर्टेबल डिवाइस से तीनों निविदा भरी गई थी

गौरतलब है कि पीएम आवास योजना पर अमलीजामा पहनाने के लिए महानगरपालिका प्रशासन द्वारा इससे पूर्व अपनायी गई निविदा प्रक्रिया में घोटाले की शिकायत शहर के जनप्रतिनिधियों ने सरकार से की थी। जनप्रतिनिधियों के शिकायत पर राज्य सरकार ने गृहनिर्माण विभाग के अपर सचिव के अध्यक्षता में समिति नियुक्त कर जांच के आदेश दिए थे। उसके अनुसार अपर सचिव ने इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए दो उपसमितियां स्थापित की थी। इन उपसमितियों ने जांच कर गृहनिर्माण विभाग के अवर सचिव के पास रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के आधार पर नगर विकास विभाग ने निविदा प्रक्रिया में हुए घोटाला मामले में फौजदारी कार्रवाई करने के आदेश महानगरपालिका को दिए थे। उसके अनुसार निविदा प्रक्रिया में डेवलपरों ने रिंग कर सिंगल आईपी एंड्रेस से एक ही पोर्टेबल डिवाईस से तीनों निविदा भरी जाने की जानकारी सामने आयी। इस मामले में कार्रवाई करने के लिए तज्ञ विधि तज्ञों के मार्गदर्शन लिया गया। 

पुणे में भी प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्रवाई

उससे निविदा मामले में फंसाने के मामले में तीनों कंपनियों के 19 संचालकों के खिलाफ महानगरपालिका की उपायुक्त अपर्णा थेटे द्वारा दी गई शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया है। उधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह से लेकर शाम तक ईडी के अधिकारियों ने इस घोटाले को लेकर प्रमुख आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरु किया है। ईडी ने छत्रपति संभाजीनगर के अलावा एजेंसी के पुणे में स्थित विविध स्थानों पर छापेमारी किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।