
औरंगाबाद : एमजीएम (MGM) इलाके के प्रियदर्शिनी उद्यान (Priyadarshini Udyan) में शिवसेना प्रमुख (Shiv Sena Chief) बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) का स्मारक बनाया जा रहा है। स्मारक के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। दीवार के लिए खुदाई करते समय, सोमवार (20 दिसंबर) की शाम को साइट पर प्राचीन सिक्के मिले। ठेकेदार द्वारा नगर निगम के अधिकारियों को सूचित करने के बाद सिक्का पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) को सौंप दिया गया।
प्रियदर्शिनी पार्क में बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल का निर्माण नगर निगम कर रहा है। स्मारक स्थल के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का काम भी चल रहा है। दीवार बनाने के लिए खुदाई की जा रही है। सोमवार शाम स्मारक के पीछे की दीवार की खुदाई के दौरान खुदाई करने वालों को चार से पांच फुट ऊंचे कपड़े के थैले में कुछ मिला। उन्होंने खोदना बंद कर दिया, थैला निकाला और थैले के अंदर देखा तो उसमें सिक्के थे। मजदूरों ने तुरंत सूचना ठेकेदार रोहित स्वामी को दी। स्वामी तुरन्त उस स्थान पर पहुंचे जहां से खुदाई शुरू हुई थी। उन्होंने सिक्कों से भरा एक थैला देखा और नगर निगम के वार्ड इंजीनियर जी.वी. गोरे को इसकी जानकारी दी। गोरे भी मौके पर पहुंचे। उसने अपने वरिष्ठों को सूचित किया कि उसे दीवार पर काम करते समय प्राचीन सिक्कों से भरा एक थैला मिला है। इसके बाद वरिष्ठों के निर्देशानुसार पुरातत्व विभाग को सिक्के सौंपने का निर्णय लिया गया। सिक्कों से भरा बैग देर रात या कल (मंगलवार) सुबह पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा।
जी.वी. गोर के मुताबिक बैग में रखे सिक्के का वजन 1 किलो 958 ग्राम है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि ये सिक्के महारानी विक्टोरिया के समय के हैं। सिक्के दिनांक 1854, 1861, 1881 के हैं। के जैसा लगना। गोर ने समझाया कि निरीक्षण में बाद में पता चला कि तांबे और पीतल के सिक्के होने चाहिए। माना जा रहा है कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सिक्कों को लेकर तथ्य स्पष्ट हो पाएंगे।