CM SHINDE

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    औरंगाबाद: राज्य के मुखिया एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने यहां कहा कि मराठवाडा मुक्ति संग्राम के लिए अपनी जान की आहुती दिए स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का मूल्य करना असंभव है। निजाम (Nizam) से हैदराबाद (Hyderabad) सहित मराठवाडा ( Marathwada) परिसर मुक्त करने के लिए संभाग के गांव-गांव में लड़ाई लड़ी गई। जान की परवाह किए बिना कई स्वतंत्रता सेनानी आगे और उन्होंने देश के आजादी के एक साल बाद निजाम से हैदराबाद और मराठवाडा को मुक्त किया। मराठवाडा मुक्ति संग्राम दिन के उपलक्ष्य में सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों शहर के सिध्दार्थ गार्डन में मुख्य ध्वजारोहण समारोह संपन्न हुआ। उसके बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए सीएम शिंदे ने यह बात कही।

    कार्यक्रम में प्रमुख रुप से केन्द्रीय मंत्री डॉ. भागवत कराड,  विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे, विधायक प्रशांत बंब, विधायक प्रदीप जैसवाल, विधायक संजय सिरसाठ, विधायक उदयसिंह राजपूत, विधायक हरिभाऊ बागडे, डिविजनल कमिश्नर  सुनील केन्द्रेकर, जिलाधिकारी सुनील चव्हाण, विशेष पुलिस महानिरीक्षक मल्लिकार्जुन प्रसन्ना,  औरंगाबाद महानगरपालिका के कमिश्नर डॉ. अभिजीत  चौधरी, सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, जिला परिषद के सीईओ निलेश गटने, जीएसटी के सह आयुक्त जी. श्रीकांत प्रमुख रुप से उपस्थित थे। 

     तीनों राज्यों में कार्यक्रम का आयोजन

    अपने विचार में सीएम शिंदे ने बताया कि देश को आजादी मिलने के एक साल बाद हैदराबाद और मराठवाडा निजाम से मुक्त हुआ। उसके लिए अपनी जान की आहुति दिए ज्ञात और अज्ञात सभी सेनानियों को अभिवादन करते हुए सीएम ने कहा कि मराठवाडा मुक्ति संग्राम के लड़ाई की जानकारी युवाओं को देना यह समय की जरुरत है। मुक्ति संग्राम के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में ही पहली बार हैदराबाद में तेलंगाना, कनार्टक और महाराष्ट्र इन तीनों राज्य ने  मिलकर गृहमंत्री अमित शाह के उपस्थिति में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया।

    सीएम ने किया दगडाबाई शेलके  का उल्लेख 

    मराठवाडा मुक्त होने के बाद स्वामी रामानंद के नेतृत्व में 17 सितंबर को हर साल मुक्ति संग्राम दिन मनाया जाता है।  मराठवाडा को मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनेवाले दिगंबरराव बिंदु, गोविंद भाई श्रॉफ, रविनारायण रेड्डी, देवी सिंह चव्हाण, विजेन्द्र काबरा,  बाबासाहब परांजपे  जैसे सेनानियों की यादें ताजा करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि इस मुक्ति संग्राम के लिए राणी लक्ष्मीबाई के रुप में  जालना जिले के बदनापुर तहसील के धोपटेश्वर गांव की दगडाबाई शेलके पहचान बनी थीं।  जिन शहीदों ने मुक्ति संग्राम के लिए अपनी जान की बाजी लगायी, उनके बलिदान का मूल्य करना असंभव है। 

    पवित्र भूमि है मराठवाडा  

    सीएम शिंदे ने कहा कि मराठवाडा जैसे पवित्र भूमि को लेकर मैं हमेशा जिज्ञासु रहा हूं क्योंकि मराठवाडा यह पवित्र भूमि है। यहां संतों के संस्कार, मेहनती युवक, आए दिन बढऩेवाले उद्योग सहित पर्यटन के कई अवसर उपलब्ध है। यहां के विकास के प्रश्न हल करने  के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। ऐसे में राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए भरीव  निधि उपलब्ध कराने का निश्चय किया है। निधि उपलब्ध कराने के बाद जारी कामों का मंत्रालय में स्थित मुख्यमंत्री वॉर रुम से समय समय पर जायजा लिया जाएगा।

    मराठवाडा के विकास के लिए कई घोषणाएं 

    अपने भाषण में सीएम शिंदे ने मराठवाडा मुक्ति संग्राम दिन के उपलक्ष्य में आयोजित मुख्य समारोह में संभाग के विकास के लिए विविध विकास कार्यों की घोषणा की। जिसमें औरंगाबाद जिले के श्री क्षेत्र घृष्णश्वर मंदिर एलोरा परिसर का विकास, औरंगाबाद से अहमदनगर रेलवे मार्ग के लिए भूसंपादन, औरंगाबाद में क्रीडा विश्वविद्यालय की स्थापना, पैठण के संत ज्ञानेश्वर उद्यान का विकास, शहर की पुरानी पाइपलाइन योजना का पुनर्रज्जीवन, समृध्दि महामार्ग से शिर्डी जाने के लिए 17 किलोमीटर मार्ग का निर्माण, लेबर कालोनी में जिलाधिकारी कार्यालय संकूल और प्रशासकीय इमारत का  निर्माण, छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का नुतनीकरण, मराठवाडा वॉटर ग्रीड में नांदुर मधमेश्वर प्रकल्प में 4 बांधों को शामिल कर बंद पाइपलाइन द्वारा पानी उपलब्ध कराना, म्हैसमाल में विविध विकास कार्य, परभणी और जालना शहर में नई पेयजल आपूर्ति योजना आदि कार्यों की घोषणा की। सीएम शिंदे ने औरंगाबाद सहित संभाग के सभी जिले में कई विकास कार्यों को निधि उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया।