औरंगाबाद : पिछले कुछ सालों से शहर के बीचो बीच स्थित ऐतिहासिक वारसॉ साइट और जैव विविधता के दृष्टि से संवेदनशील स्थल हिमायत बाग (Himayat Bagh) में अवैध कृतियां खुले आम जारी है। इस पर निसर्ग प्रमियों (Nature Lovers) ने कड़ी नाराजगी जताते हुए हिमायत बाग प्रशासन (Himayat Bagh Administration) को चेताया कि उसमें जारी अवैध कृतियों पर तत्काल रोक लगाए, वरना 26 जनवरी को हिमायत बाग में अनशन (Fast) किया जाएगा।
मंगलवार को निसर्ग प्रेमियों की हिमायत बाग बचाव को लेकर एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में शहर के प्रमुख ऑक्सिजन हब वाले 100 एकड़ पर स्थित हिमायत बाग में अवैध रुप से मवेशियों की चराई, नशेबाजों द्वारा किए जानेवाले अवैध कृत्य, उपद्रवियों का दिन भर हंगामें के अलावा हर दिन खुले आम पेड़ों को ही कटाई पर सख्त नाराजगी जताई गई। हिमायत बाग में जारी अवैध इन सभी कृतियों पर रोक नहीं लगाई गई तो 26 जनवरी को अनशन की चेतावनी दी गई है। निसर्ग प्रेमियों ने बताया कि यहां खुले आम पेड़ों की कटाई जारी है। यहां 10 हजार से अधिक पेड़ है। कुछ पेड़ों की उम्र 200 से 300 साल की है।
हिमायत बाग परभणी के मराठवाडा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत है। बाग में अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत होने के बावजदू यहां सुबह 10 से रात 11 बजे तक उपद्रवियों का हंगामा जारी रहता। बाग के कई इलाकों में कॉलेज के लड़के-लड़कियां खुले आम अश्लील हरकते करती हुई हर दिन नजर आती है। गत वर्ष हिमायत बाग प्रशासन द्वारा निजी गार्ड की नियुक्ति देख रेख के लिए की गई थी। इन निजी सुरक्षा रक्षकों को भी हिमायत बाग प्रशासन से निकाल दिया है। पेड़ों की खुले आम जारी कटाई से मोर, तीतर, लावरी इन पक्षियों के घर नष्ट हो रहे है। हिमायत बाग में पहले बड़ी संख्या में मोर थे। आज उनकी संख्या 25 पर पहुंची है। यहां स्थित 45 प्रकार की तितलियां, सैकड़ो प्रकार के कीड़े और 10 प्रकार के सांप, 10 हजार से अधिक उसकी भी संख्या आए दिन घट रही है। इस पर भी निसर्ग प्रेमियों ने चिंता जताते हुए प्रशासन से तत्काल उस पर सख्त निर्णय लेने की मांग की। बैठक में एड. स्वप्रिल जोशी ने हिमायत बाग के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। बैठक में निर्सर्ग प्रेमी, पक्षी मित्र, मॉर्निग वॉक ग्रुप सदस्य और मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।