केंद्र सरकार के बजट पर औरंगाबाद के जनप्रतिनिधियों और उद्यमियों ने दी अपनी प्रतिक्रिया, जानें किसने क्या कहा

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    औरंगाबाद : केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा आगामी 2023-24 वर्ष का बजट (Budget) बुधवार को पेश किया गया। बजट को लेकर केंद्र सरकार ने बजट में आम जनता को राहत देने वाले जो प्रावधान किए, उसे जनप्रतिनिधियों (People’s Representatives) ने सहारा। वहीं, विरोधियों ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर कई सवाल उपस्थित कर उसे जनता को फंसाने वाला बजट होने का आरोप लगाया। 

    राज्य के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने केंद्र सरकार के बजट की खिल्ली उडाते हुए कहा कि सामान्य किसान, मजदूर और मध्यमवर्ग की वोट हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष रुप से बजट पेश करते समय परंतु, उन्हें धोका और घोषणाबाज केंद्र सरकार होने का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आज का बजट किसान, महिला के दृष्टि से काफी निराशाजनक रहा। बजट में किसाने के दृष्टि से विचार करने पर फल उत्पादन, सहाकर जैसे विभाग को काफी कम मदद करने को लेकर दानवे ने कड़ी नाराजगी जताई। दानवे ने कहा कि 2014 से केंद्र में मोदी सरकार स्थापित होने के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर आर्थिक राजकोषीय घाटा बजट में निर्माण हुआ है। 

    औरंगाबाद के सांसद जलील जलील ने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के आयकरदाताओं को एक छोटी सी राहत देकर सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव में बड़ा फायदा उठाना चाहती है। हिमाचल प्रदेश में इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार में वेतनभोगी वर्ग की अहम भूमिका रही है। यह स्पष्ट था कि चूंकि यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा क्योंकि अगले साल वित्त मंत्री मई 2024 में होने वाले चुनावों के कारण अंतरिम बजट पेश करेंगे, इसलिए सरकार आयकरदाताओं को खुश करना चाहती थी। हालांकि किसानों को एमएसपी का आश्वासन देकर और उनकी आय बढ़ाकर उन्हें आवश्यक राहत देने में सरकार की चुप्पी ने किसानों को झकझोर कर रख दिया है। 

    विधायक सतीश चव्हाण ने बजट पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बजट से आम नागरिक, किसान, नौकरी पेशा क्लास, उद्योजक, बेरोजगार आदि को काफी अपेक्षाएं थी। परंतु, बुधवार को पेश हुए केंद्र के बजट में सभी के अपेक्षाओं पर पानी फिरा है। आगामी समय में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनाव को सामने रखकर बजट पेश किए जाने का आरोप विधायक सतीश चव्हाण ने लगाया। बजट में 7 लाख रुपए की तक की इनकर कर मुक्त किए जाने पर भी विधायक चव्हाण ने सवाल उपस्थित करते हुए कहा कि यह निर्णय बढ़ती महंगाई में यह सहुलियत ऊंट के मुंह में जिरा होने के बराबर है। 

    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किया गया बजट आम नागरिकों के लिए निराशाजनक और गुमराह करने वाला है। भले ही देश को मुंबई से अधिकतम करों का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में कोई ठोस प्रावधान नहीं दिखता है। हालांकि इस बजट को आगामी चुनावों को सामने रखकर पेश करने की कोशिश की गई है, लेकिन यह बुरी तरह विफल रहा है। 

    बजट में जीएसटी से छूट का कोई जिक्र नहीं है

    इधर, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव डॉ. जितेन्द्र देहाडे ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए बजट पर नाराजगी जताते हुए साफ कहा कि मोदी सरकार ने पहले की तरह कुछ लोगों के हितों को प्राथमिकता देते हुए इस बजट को पेश किया है और जब महंगाई बढ़ रही है तो यह इसे नियंत्रित करने के बजाय और बढ़ाने जा रही है। इस बजट में जीएसटी से छूट का भी कोई जिक्र नहीं है।

    कपास से किसानों को अधिकतम लाभ देने का निर्णय स्वागत योग्य: समीर मुले 

    देश में कृषि क्षेत्र की काम देश में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन इस साल बेहद अच्छा रहा है। अनाज का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और इसलिए मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने और छोटी सहकारी समितियों के गठन के लिए समर्थन, कमजोर वर्गों के किसानों को सशक्त बनाने, कृषि स्टार्ट-अप के लिए उपाय और फंड सहायता प्रदान करने का निर्णय स्वागत योग्य होनी की प्रतिक्रिया सियाम के अध्यक्ष और राज्य के उद्यमी समीर मुले ने दी।                                               

    मराठवाड़ा स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (मसिआ) के अध्यक्ष किरण जगताप ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट छोटे और मध्यम उद्यमियों को राहत देने वाला रहा। इनकम टैक्स सिलिंग लिमिट में बढ़ोतरी और टैक्स स्लैब बंद के चलते निजी टैक्स पैयर उद्यमी जो कि प्रोपायटर और पार्टनर है, उन्हें इसका बड़े पैमाने पर फायदा होगा। क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एमएसएमई में एडिशनल कोलेटोरल फ्री गारंटी क्रेडिट के लिए 2 लाख करोड़ होने के चलते लघु उद्यमियों को इसका फायदा होगा। 

    10 लाख करोड़ रुपये और 50 नए हवाई अड्डों के निर्माण           

    उधर, चेंबर ऑफ मराठवाड़ा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (सीएमआयए) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया में केंद्र के बजट को उद्यमियों के लिए  बेहतर बताते हुए कहा कि सरकार ने पूंजी परिव्यय को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। जो निश्चित रूप से देश की वित्तीय सामर्थ्य बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये और 50 नए हवाई अड्डों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचा विकास से अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा।      

     औरंगाबाद में घोषित मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए फंड उपलब्ध होगा    

    सीएमआईए के मानद सचिव अर्पित सावे ने कहा कि ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए सरकार का दीर्घकालीन विजन है और यह बजट अंतरराष्ट्रीय समझौतों और हरित ऊर्जा पर सरकार के जोर पर जोर देता है। ड्रग रिसर्च में किया गया प्रावधान बहुत महत्वपूर्ण है और उम्मीद है कि औरंगाबाद में घोषित मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए फंड उपलब्ध होगा।               

    सीएमआईए के सह कोषाध्यक्ष अथर्वेशराज नंदावत ने कहा कि टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी से नई टैक्स व्यवस्था को चुनने वाले करदाताओं को फायदा होगा। सरकार स्पष्ट रूप से नई कर प्रणाली में अधिक करदाताओं को शामिल करने का इरादा रखती है। 44AD के तहत प्रकल्पित कराधान को व्यवसायों के लिए INR 3 करोड़ और पेशेवरों के लिए 75 लाख तक बढ़ा दिया गया है, जो छोटे मध्यम व्यवसायों की मदद करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा।