औरंगाबाद : प्रशासन (Administration) के अधिकारियों (Officials) ने ठान लिया तो हर अवैध कामों (Illegal Work) को रोककर सरकार (Government) की तिजोरी में राजस्व (Revenue) जमा करना संभव हो पाता है। जिले के गंगापुर तहसील (Gangapur Tehsil) में पिछले कई सालों से रेत माफियाओं (Sand Mafia) द्वारा द्वितीयक खनिजों पर नजर रखकर अवैध रुप से रेत की यातायात जारी थी।
कुछ माह पूर्व गंगापुर के तहसीलदार का पदभार संभाले सतीश सोनी ने वालूज मंडल के आसेगांव परिसर के रेत माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 46 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका। यह रकम वसूलने के लिए साता बारा पर बोझ डालने की कार्रवाई की गई है। तहसीलदार सतीश सोनी ने आला अधिकारियों के मार्गदर्शन में की इस कार्रवाई से रेत माफियाओं में खलबली मची है।
प्रशासन ने रेत और मुरुम माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया
गंगापुर के तहसीलदार सतीश सोनी ने बताया कि अवैध रुप से रेती की खुदाई और यातायात करने वालों को नियमानुसार बाजार मूल्य से 5 गुना अधिक जुर्माने लगाने का प्रावधान है। उसके आधार पर संबंधित रेत माफियाओं पर कार्रवाई किए जाने की जानकारी सोनी ने दी। उन्होंने बताया कि वालूज मंडल के आसेगांव शिवार तीन रेत चोरों ने करीब 16 हजार 138 ब्रास रेत का खुदाई की है। वहीं, इसी परिसर के दो रेत माफियाओं ने 675 ब्रास मुरुम की खुदाई की थी। ऐसे में प्रशासन ने रेत और मुरुम माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
5 रेत माफियाओं पर ठोका जुर्माना
तहसीलदार सोनी ने बताया कि अवैध रुप से रेत की यातायात करने वाले आसेगांव निवासी अहमद उस्मान पठाण को 25 करोड़ 44 लाख 49 हजार 104 रुपए जुर्माना ठोका गया। वहीं, शेख कासम को 5 करोड़ 42 लाख 2 हजार 176 रुपए, शेख हनिफ शेख कासम को 19 करोड़ 76 लाख 12 हजार 100 रुपए और अजमल खान अब्बास खान पठाण और एजाज खान अब्बास खान पठाण को 44 लाख 55 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
संपत्ति की नीलामी कर जुर्माने की राशि वसूली जाएगी
सतीश सोनी ने बताया कि रेत माफियाओं से जुर्माना वसूलने के लिए उन्हें नोटिस जारी की गई थी। उसको लेकर रेत माफियाओं ने इसका स्पष्टीकरण गंगापुर तहसील कार्यालय में दिया। उनका स्पष्टीकरण समाधान कारक न होने के चलते उन्हें जुर्माना अदा करना ही होगा। संबंधित रेत माफियाओं ने जुर्माना की रकम अदा नहीं की तो उनके अचल संपत्ति की नीलामी कर जुर्माने की राशि वसूली जाएगी।
उधर, जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि गंगापुर तहसील में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई तहसीलदार सोनी के मार्गदर्शन में की गई है। वालूज एमआईडीसी क्षेत्र में रेत की बड़े पैमाने पर आपूर्ति की जाती। जिसके चलते इस क्षेत्र में रेत माफियाओं का बड़ा रैकेट कार्यरत है। यह रैकेट अब तक किसके आशीर्वाद से चल रहा था, इसको लेकर अब कई सवाल उठ रहे है। गत माह इसी मंडल के आसेगांव, कासोडा, तलेसमान, नांदेडा और मुस्तफाबाद के 27 रेत माफियाओं के सात बारा पर राजस्व प्रशासन ने 6 करोड़ा का बोझा डाला था। तहसीलदार सतीश द्वारा शुरु की गई सख्त कार्रवाई से रेत माफियाओं की निंद हराम है।