मुंबई: विधान परिषद् चुनाव को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। एक ओर भाजपा जहां राज्यसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित हैं और एमएलसी चुनाव में भी वहीं प्रदर्शन करने की बात दोहरा रही है। वहीं महाविकास अघाड़ी मिले हर से सिखने और भाजपा को उनके मंसूबो पर कामयाब नहीं होने का दावा कर रहे हैं। इसी कोई लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, महाविकास अघाड़ी आने वाले एमएलसी चुनाव में सभी छह सीटों पर जीत का परचम लहरायेगी। इसी के साथ उन्होंने केंद्र सरकार पर ईडी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है।
पटोले ने कहा, “एमवीए के सभी 6 उम्मीदवार चुने जाएंगे (एमएलसी चुनाव में)। केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करती है। राज्यसभा चुनाव के दौरान धमकी दी गई थी और अब भी दी जा रही है। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है और सही समय पर हम उन्हें जनता के सामने पेश करेंगे।”
All 6 candidates of MVA will get elected (in MLC polls). Central govt misuses central agencies.During Rajya Sabha polls threats were given & now also it's being given.We're having a record of it &at the right time we'll present them before public:Maharashtra Congress' Nana Patole pic.twitter.com/cfNVZFMGuM
— ANI (@ANI) June 18, 2022
ज्ञात हो कि, 20 जून को महाराष्ट्र विधानसभा परिषद की 10 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। जिसको लेकर भाजपा और महाविकास अघाड़ी ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुके हैं। भाजपा ने जहां पांच उम्मीदवार मैदान में उतारें हैं, वहीं एमवीए ने छह उम्मीदवार को टिकट दिया है, जिसमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने दो-दो उम्मीदवार उतारें हैं।
नौ पर निर्विरोध, एक पर टक्कर
राज्य विधानसभा के अनुसार, 10 सीटों पर होने वाले चुनाव में चार पर भाजपा, दो-दो शिवसेना- एनसीपी और एक पर कांग्रेस की जीत निश्चित है। वहीं एक सीट पर चुनाव किया जाएगा। 10वीं सीट के लिए भाजपा के प्रसाद लाड और कांग्रेस के भाई जगताप के बीच टक्कर होनी है। अपने-अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए दोनों दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा को उम्मीद है कि, राज्यसभा चुनाव की तरह इन चुनाव में भी उसे निर्दलीयों का साथ मिलेगा, वहीं महाविकास अघाड़ी पिछले चुनाव में मिले झटके से सीखते हुए अपने और निर्दलियाँ विधायकों को एक करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
विधायकों के क्रॉस वोटिंग का डर
एमएलसी सीटों पर चुनाव गुप्त होता है, यानी विधायक किसी को बिना दिखाए अपने पसंदीदा उम्मीदवार को मतदान करते हैं। राज्यसभा में खुला मतदान होने के बाद भी हार झेलने वाली शिवसेना और महाविकास अघाड़ी सरकार इन चुनावो में बेहद सतर्क है। अपने और निर्दलीय विधायकों की नाराजगी को लेकर वह फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। इसी को देखते हुए तीनों दलों ने अपने विधायकों को अलग-अलग होटलों में रखा हुआ। जिससे विपक्षी दल किसी से भी संपर्क न कर सके।
नहीं दिख रहा सामंजस्य
एक ओर जहां महाविकास अघाड़ी सभी सीट जितने का दावा कर रही हैं, वहीं इसमें शामिल तीनों दलों के बीच कोई सामंजस्य नहीं दिख रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस के उम्मीदवार भाई जगताप बहुजन विकास अघाड़ी के हितेंद्र ठाकुर से समर्थन मांगने पहुंचे। वहीं उसके बाद एनसीपी के उम्मीदवार रामराजे नाइक निंबालकर भी ठाकुर के वसई स्थित आवास पर पहुंचकर समर्थन मांगा। गठबंधन के नाते तीनों दलों को सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए, लेकिन एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस अपनी-अपनी सीट के लिए लड़ते दिखाई दे रहे हैं।