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    चंद्रपुर. शासन स्तर पर पिछले दो वर्षो से वरिष्ठ लिपिक को नायब तहसीलदार के रुप में पदोन्नत न करने और राजस्व सहायक के रिक्त पद भरने में सरकार की ओर से हो रहे विलंब व राजस्व कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों के संबंध में उदासीनता के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठना के कर्मचारियों ने जिले के तहसील कार्यालय के सामने आंदोलन शुरु किया है. आज आंदोलन का 8 वां दिन है किंतु कोई हल न निकलने से राजस्व विभाग के अनेक काम अटके पडे है.

    आंदोलन में चंद्रपुर जिले के 12 पदोन्नत नायब तहसीलदार 130 सिनियर क्लर्क, 169 राजस्व सहायक और 196 चपरासी ऐसे कुल 507 राजस्व कर्मचारी शामिल है. इसकी वजह से उपविभागीय और तहसील कार्यालय का काम ठप पडा है और नागरिकों के काम रुके है.

     आंदोलनकारियों से मिले विधायक भांगडिया

    चिमूर के विधायक बंटी भांगडिया ने आज चंद्रपुर में आंदोलन कर रहे राजस्व कर्मचारियों से मुलाकात कर उनका हाल जाना. इस अवसर पर आंदोलनकारियों ने अपनी विविध मांगों का निवेदन विधायक भांगडिया को सौंपा. निवेदन स्वीकार करने के बाद विधायक ने मांगों के विषय में सरकार से चर्चा करने का आश्वासन दिया है.

    नायब तहसीलदार ग्रेड पे 4300 से बढाकर 4600 करें, दांगट समिति की रिपोर्ट के अनुसार आकृति बंध लागू कर उसका क्रियान्वयन, संजय गांधी, चुनाव, रोजगार गारंटी योजना, पीएम किसान आदि राजस्व के अलावा कामों के लिए अलग से पत्र निर्माण करें, लंबे समय के अस्थायी पदों को स्थायी करें, सुधारित मानकों के अनुसार पदोन्नती प्रक्रिया निर्धारित समय में पूरी करें.

    नियमापुनसार पात्र चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को श्रेणी 3 राजस्व सहायक के रुप में पदोन्नती, चतुर्थ श्रेंणी कर्मचारियों की पदोन्नती कोटा 25 से 50 करें, कोतवाला को चतुर्थश्रेणी में पदोन्नती कर 40 प्र.श. किया उसी प्रकार उनके पद भरती, नये 27 तहसील राजस्व के विभाग के अलावा अन्य कामों के लिए पद भरें, गृह विभाग की तर्ज पर राजस्व कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा का लंबित प्रस्ताव मंजूर करने के साथ अन्य मांगों के लिए 4 अप्रैल से बेमियादी आंदोलन शुरु किया है. 

    राजुरा तहसील कार्यालय के सामने डटे आंदोलनकारी

    उक्त मांगों के लिए राजुरा तहसील कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने आंदोलन शुरु किया है. आंदोलन का आज 8 वां दिन है. इसके बावजूद राजुरा के किसी जनप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी ने कोई दखल नहीं ली है. इसकी वजह से आंदोलनकारियों का रोष बढता जा रहा है. वहीं नागरिकों के काम अटके पडे है और 44 डिसे के तापमान में लोग कार्यालय के चक्कर काट रहे है. इसलिए इसका हल तत्काल निकालने की अपील आंदोलनकारी कर्मचारियों ने की है.