कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद हड़ताल यथावत, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा चरमराई

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चंद्रपुर. जिला परिषद प्रशासन द्वारा हड़ताल पर गए 6 हजार से अधिक कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बावजूद कर्मचारियों पर इस चेतावनी का कोई असर नजर नहीं आया. जिले में शुक्रवार को चौथे दिन भी जिला परिषद समेत राज्य सरकारी तथा अर्धसरकारी कर्मियों की हड़ताल यथावत जारी रही.

चरमराने लगी स्वास्थ्य सेवा

हड़ताल के चार दिन बाद अब जिले में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से चरमराने लगी है. जिला सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के अधिकांश कर्मचारी हड़ताल पर होने से मरीजों तथा उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य प्रशासन का दावा है कि, उनकी स्वास्थ्य सेवा हड़ताल के बावजूद सुचारू रूप से जारी है, अस्पतालों की सेवा बरकरार रखने के लिए प्रशिक्षु परिचारिकाएँ तथा डॉक्टरों की मदद ली जा रही है. जिला अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी केसेस ही  एडमिट की जा रही है, ऐसे केसेस की ही शल्यक्रिया जारी है, अन्य नियमित शल्यक्रियाओं को स्थगित किया जा रहा है.

सबसे बुरा हाल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर दिखाई दे रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना के फिर से बढ़ते मरीज और एच3एन2 वायरस का प्रकोप शुरू होने से जिले में स्वास्थ्य प्रशासन की चिंताएं बढ़ गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में उप जिला अस्पतालों, ग्रामीण अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मियों के अभाव में मरीजों तथा उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Strike

जिले में 3 दिन से बेमौसम बारिश दस्तक दे रही है, अगले 3 दिनों तक जिले में मौसम विभाग की ओर से बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है. ऐसे में राजस्व कर्मियों की हड़ताल जारी होने से फसलों के नुकसान के पंचनामे करने की प्रक्रिया को ब्रेक लग गया है. इस हड़ताल को अब जिले में राजपत्रित अधिकारियों ने भी अपना समर्थन घोषित कर दिया है.

शिक्षा सेवा भी ठप

जिले में सरकारी तथा अनुदानित स्कूलों और महाविद्यालयों में शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों के अभाव में स्कूली छात्रों ने भी स्कूलों का रुख करना छोड़ दिया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में वीरानी दिखाई दे रही है.

साइकिल रैली

इस बीच शुक्रवार को हड़ताली कर्मियों ने जिला परिषद मुख्यालय से सुबह एक साइकिल रैली निकालकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया. सैकड़ों कर्मियों की उपस्थिति में यह रैली जटपुरा गेट, गांधी चौक, पठानपुरा गेट,  जटपुरा गेट, आंबेडकर कॉलेज, वरोरा नाका , प्रियदर्शिनी चौक होते हुए जिला परिषद के सामने विसर्जित की गई. रैली में कर्मियों द्वारा एक ही मिशन, पुरानी पेंशन जैसे नारे लगाए जा रहे थे. यह रैली महाराष्ट्र राज्य सरकारी, अर्धसरकारी ठेका कर्मचारी, महानगर पालिका, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी संघटन समन्वय समिति के नेतृत्व में निकाली गयी थी, जिसकी अगुवाई दीपक जेउरकर, राजू धाँडे, हरीश ससनकर, सिंघलदीप कुमरे आदि कर्मचारी नेताओं ने की