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    • महाराष्ट्र स्टेट ट्रान्सपोर्ट कामगार संगठन ने लगाया आरोप

    चंद्रपुर: कोरोना संक्रमण की भयावह को देखते हुए यदि किसी को कोरोना पॉजीटीव पाया जाता है तो यदि स्थिति गंभीर हो तो उसे अस्पातल में भरती किया जाता है या फिर होम आईसोलेशन के लिए रखा जाता है. इस दौरान संबंधित व्यक्ति का जिस किसी से संपर्क होता है. उसकी भी जांच की जाती है. साथ ही इस संदर्भ में किसी ओर कोरोना ना फैले इसका पूरा ध्यान रखा जाता है. कोरोना के प्रति इतनी सावधानी बरतने के बाद भी एसटी विभाग में कोरोना को लेकर लापरवाही सामने आयी है.

    महाराष्ट्र स्टेट ट्रान्सपोर्ट कामगार संगठन का आरोप है कि रिपोर्ट आने से पूर्व संबंधित बस चालक और वाहक को डयूटी दी गई जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती उन्हें डयूटी पर नहीं दी जानी चाहिए थी. ऐसे कुछ बस चालक और वाहक पॉजीटीव पाये गए जो टेस्टिंग के बाद डयूटी पर थे. संगठन ने जिलाधिकारी को निवेदन सौपकर मामले की जांच की मांग की है.

    समूचे महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर अपना असर दिखा रही है. पूरे महाराष्ट्र समेत विदर्भ में सर्वाधिक मरीज पाये जा रहे है. राज्य में फिर से लॉकडाऊन लगाने की स्थिति है. जिला प्रशासन भी कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सख्त कदम उठा रहा है.

    महाराष्ट्र स्टेट ट्रान्सपोर्ट कामगार संगठन का आरोप है कि एसटी महामंडल कोरोना के प्रति गंभीर नहीं है. पिछले 3 मार्च की एक घटना का उल्लेख करते हुए संगठन का कहना है कि कोरोना टेस्ट में कुछ वाहक और चालक पॉजीटीव पाये जाने पर कर्मचारियों को कोरोना जांच के बाद रिपोर्ट प्राप्त होने तक छूट्टी दी जानी चाहिए थी परंतु विभागीय नियंत्रक ने मात्र जांच कराने के मात्र 3 घंटे में उन्हें डयूटी पर उपस्थित रहने के आदेश दिएहै. संबंधित कर्मचारी बाद में पॉजीटीव पाये जाने से उनके संपर्क में आये अन्य कर्मचारी और यात्रियों के कोरोना प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

    संगठन के अनुसार 3  मार्च 2021 को एक वाहक जब डयूटी पर था उसके कोरोना पॉजीटीव पाये जाने का संदेश होने पर उसे डयूटी से उतरा दिया गया. कर्मचारी आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए नमूना दिए जाने के बाद रिपोर्ट प्राप्त होने के पूर्व डयूटी पर था. चंद्रपुर से अमरावती मार्ग पर डयूटी पर होने के समय उसे पॉजीटीव आने का संदेश मिला था हिंगणघाट डेपो पहुंचने पर उसे डयूटी से उतरने को कहा गया. इस दौरान उसके संपर्क आये कर्मचारी और यात्रियों को कोरोना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

    जब उसकी टेस्टिंग हुई थी तभी से उसे छुट्टी दे देनी चाहिए थी. उसकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा क्यो की गई ऐसा सवाल संगठन ने लगाया है.संगठन का यह भी आरोप है कि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने का कारण बताकर एक बस चालक ने डयूटी से इंकार किया तो उसकी  अनुपस्थिति लगा दी गई.चिमूर आगार में एक वाहक की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने के पूर्व उसने डयूटी की जिस बस में वह डयूटी पर था उसमें अधिकांश विद्यार्थी सवार थे. 

    संगठन कहना है कि कोरोना टेस्टिंग कराने के बाद एक दिन के बाद रिपोर्ट आतीहै. ऐसे में एसटी महामंडल के संबंधित अधिकारियों ने कोरोना की गंभीरता को देखते हुए संबंधित कर्मियों को डयूटी पर नहीं लिया जाना चाहिए. अधिकारियों की नियोजनशून्यता के कारण ही कोरोना का खतरा बढ गया है.ऐसे लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.

    शुरूआत में लापरवाही हुई परंतु अब सबकुछ ठीक है:  हेडाऊ

    एसटी महामंडल के डिवीजन कंट्रोलर हेडाऊ का कहना है कि शुरूआत में थोड़ी लापरवाही हुई थी परंतु अब सबकुछ ठीक हो चुका है जिलाधिकारी ने बैठक लेकर जो निर्देश दिए है उसका पूरी तरह से पालन हो रहा है. बस चालक, वाहक के छुट्टी के एक दिन पूर्व उनकी आरटीपीसीआर टेस्टिंग हो रही है और अस्वस्थ्य होने पर वे स्वयं ही वें छुट्टी ले रहे है.