unseasonal rains
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    चंद्रपुर. खरीफ के साथ साथ रबी के सीजन में में किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. गत सप्ताह हुई बेमौसम बरसात की मार झेल रहे किसान आर्थिक संकट में फंसा है. जिले में रोजगार का अभाव होने से किसानों को वर्ष भर का नियोजन करने में भारी परेशानी होती है. इसलिए मौसम की मार झेल रहे किसानों को सरकार से नुकसान भरपाई देकर आर्थिक सहारा देने की मांग की जा रही है.

    जिले के राजुरा, कोरपना, जिवती, वरोरा, भद्रावती तहसील की प्रमुख फसल मिर्ची, कपास और सोयायबीन है. इसके अलावा जिले की मूल, सावली, सिंदेवाही, पोंभूर्णा, ब्रम्हपुरी आदि तहसील में धान प्रमुख फसल है. जिले के कोरपना, जिवती और गोंडपिपरी तहसील में सिंचाई सुविधाओं का अभाव होने से प्रतिवर्ष किसानों को नुकसान सहना पडता है.

    इस वर्ष खरीफ सीजन के शुरुवात में किसानों को मौसम की मार झेलनी पडी थी. धान की बियाड निकलने के पूर्व ही बरसात ने आंखे तरेरी थी. इसके बाद रोपाई की शुरुवात हुई किंतु उचित बरसात नहीं हुई इसलिए किसानों ने किसी प्रकार बुआई का काम निबटाया. इसके बाद भी अल्पवृष्टि की वजह से किसानों के धान पर लाला, करपा, कीटों का हमला शुरु हो गया. महंगे कीटनाशक छिडककर किसानों ने फसलों का बचाने का प्रयास किया. किंतु कीटों की वजह से धान की पैदावार में गिरावट आई. 

    जिले के सभी तहसील में बेमौसम बरसात ने कहर बरपाया और काटकर रखा धान बरसात में गीला हो गया. काटकर रखे धान में पानी भर जाने से किसानों का नुकसान हुआ. काटकर रखा धान निकालने में दिक्कतों का सामना करना पडा है. गीले धान में अंकुर निकल आए. जिससे धान उत्पादक किसानों को नुकसान सहना पडा है.

    जिले के किसानों ने खरीफ में हुए नुकसान को रबी में पूरा करने के इरादे से खेती की तैयारी की. किंतु खरीफ की भांति ही रबी की फसल के समय पर मौसम ने किसानों को दगा दिया. गत सप्ताह हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि की वजह से किसानों के चना, गेहूं, सरसो, मटर, तुवर जैसी फसलों का नुकसान हुआ है. अधिक ठंड पडने की वजह से चना में कीट लगने का डर सता रहा है. कुल मिलाकर मौसम की मार ने किसानों को बेजार कर दिया है जिससे किसान हलाकान है.