चंद्रपुर. सावली तहसील के व्याहाड बुज इलाके में वन्य जीवन और मानव जीवन के बीच संघर्ष चरम पर पहुंच गया है. बाघ के हमले की घटना में दिनोदिन वृध्दी हो रही है. सावली तहसील के कई गांवों में बाघ के हमले की घटनाएं हो रही हैं और रविवार की शाम करीब 4 बजे व्याहाड़ बुज के किसान सुधाकर जेंगठे अपनी पत्नी के साथ खेत जा रहे थे, तभी अचानक उन्हें सामने एक बाघ नजर आया. जेंगठे परिवार की किस्मत अच्छी थी, बाघ ने अपनी दिशा बदलने से जेंगठे पति और पत्नी ने राहत की सांस ली.
घटना की जानकारी जैसे ही वन विभाग व ग्रामीणों को हुई तो ग्रामीण बाघ को देखने के लिए दौड़ पड़े. वहीं वन विभाग की टीम ने भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. लेकिन कुछ नहीं मिला. व्याहाड़ बुज क्षेत्र में इस समय धान की पिराई का मौसम जोरों पर है और कई किसान अपने भोजन और धान की रक्षा के लिए अपने खेतों में जाते हैं. लेकिन तहसील में बाघ के हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए व्याहाड भुज क्षेत्र के किसानों ने निगरानी के लिए अपने खेतों में जाना बंद कर दिया. शाम के 7 बजे के पश्चात गांव में शांती छायी रहती है.
पिछले कुछ दिनों से जंगली जानवरों के बढ़ते हमले से क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं और व्याहाद भुज में गांव में ही काफी संख्या में तेंदुए और बाघ नजर आ रहे हैं. पिछले हफ्ते सावली तहसील में के तीन लोग बाघ के हमले में मारे गए थे, व्याहाद भुज में सुधाकर जेंगठे ने गांव से सटे अंबोर झील के पास अपने खेत में एक बाघ देखने से भय का माहोल है. व्याहाड़ भुज क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि गांव के लोगों में बाघ के आतंक का माहौल होने के कारण यह अनुचित घटना दोबारा न हो इसके लिए वन विभाग जल्द से जल्द व्यवस्था करे.
छात्रों की जान जोखिम में
पेठगांव, कापसी, सामदा, सोनापुर, वाघोली, व्याहाड बुज के कई छात्र अपनी 5 वीं से 12 वीं कक्षा की शिक्षा के लिए प्रतिदिन सावली – गडचिरोली जाते हैं. चूंकि अभी सर्दी के दिन हैं और सूर्यास्त जल्दी होता है, इसलिए शीघ्र ही अंधेरा फैल जाता है. कापसी, सोनापुर मार्ग पर घने जंगल हैं और छात्र इस मार्ग पर साइकिल से यात्रा करते हैं. इन मार्गों पर बाघ और कई जंगली जानवर देखे गए हैं और वन विभाग को इस क्षेत्र में जंगली वन मार्गों पर कांटेदार तार बाड लगाने की आवश्यकता है. लेकिन वन विभाग द्वारा इस गंभीर मामले पर ध्यान नहीं दिए जाने से आम नागरिकों के साथ-साथ छात्रों की जान को भी खतरा उत्पन्न हो गया है.
वन विभाग के सशर्त प्रयास
सावली तहसील में बाघ के हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग की टीम भी बाघ को पकड़ने के प्रयास कर रही है. बताया गया है कि जिस इलाके में बाघ देखा गया है वहां वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है और शार्प शूटरों को भी बुलाया गया है.