उर्जानगर ग्राम पंचायत में नियोजन का अभाव, नालियों से आ रही दुर्गंध

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    • नाम के लिए सरपंच, सचिव, काम कुछ भी नहीं

    दुर्गापुर. ग्राम पंचायत उर्जानगर वार्ड नं 1 केशरीनंदन नगर में आधे बंद नाली का निर्माण हुआ आधे नालियों का कांक्रीटीकरण शेष है. जिस क्षेत्र में बंद नालियों का निर्माण है वहाँ ठीक है लेकिन जिस परिसर में नाली का निर्माण नही हुआ वहां पर ग्राम पंचायत द्वारा महीनों तक नाली सफाई नही करने से पास वाले के घर के बाथरूम में नाली की गंदा पानी घुसने लगता है. इससे संबंधित घर वाले तथा परिसर के लोगों को परेशानी हो रही है. 

    उसी क्षेत्र की घर मालकिन हेमलता सोनकुसरे ने एक वर्ष पहले 15 मार्च 2021 को ग्राम पंचायत को लिखित आवेदन देकर मांग की थी कि पुराने नाली का गन्दा पानी हमारे घर के बाथरूम की तरफ बैक आ रहा है. इससे नाली की पाईप लाइन चौकअप हो रहा है. उससे स्वास्थ पर विपरित असर हो रहा है. घर के बच्चे बुजुर्ग काफी परेशान है. इससे छुटकारा मिल सके इसके लिए यहॉ पर कंक्रीट पक्की नाली यथाशीघ्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. 

    निवेदन देकर एक वर्ष बितने के बावजूद अब तक नाली बनाने का काम शुरू नहीं हुआ. हर बार अगले महीने नाली का निर्माण होगा ऐसा बताकर झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. जबतक नाली का निर्माण नहीं हो जाता तबतक पुराने नाली को समय-समय पर अच्छे से पूरी गहराई के साथ मलबा निकाल कर सफाई की जाये तो भी पास वाले घरोँ को कुछ राहत रहेगा. परंतु ग्राम पंचायत की नाकामी का नतीजा है कि अक्सर नाली साफ करने आते नही, कईयों बार बताने पर सफाई करने आये तो नाली के पूरे मलबे निकालने की बजाय ऊपर ऊपर सफाई कर के चले जाते है. इससे पांच दिन बाद फिर से नाली की स्थिति वैसे ही हो जाती है. नाली में मलबा जमा रहने से उसमें अनेकों सुअर आकर बैठ जाया करते है. इससे और ज्यादा नाली चौकप होने लगता है. 

    परिसर में बदबू फैलता रहता 

    नाली चौकप होने से नाली का बहाव प्रभावित होता है, इससे नाली का गंदा काला पानी और बदबू दार मलबा के कारण परिसर में बदबू फैलते रहता है. आस पास के लोंगो के अलावा इधर गुजरने वालों को भी बदबू का सामना करना पड़ रहा है. 

    अधूरे नाली का निर्माण

    अधूरे नाली बनाने के कारण उक्त समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उस लाइन का पूरे नाली का कंक्रीट करना चाहिए था अथवा नीचे से ऊपर तक नाली बनाना था. इससे नाली का पानी नहीं रुकता. सब काम उटपटांग हो रहा है. नागरिकों को ध्यान में रखकर काम करने के बजाय संबन्ध देखकर काम हो रहा है. जिसके कारण लोंगो की समस्याएं बढ़ती जा रही है.