प्लास्टिक, रबर चप्पल के गोदाम में भीषण आग, 5 घंटे में आग पर पाया काबू

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    चंद्रपुर. शहर के मध्य में स्थित भानापेठ में 31 मार्च की रात 11.30 बजे भीषण आग लगने से नागरिकों की दम घुटने लगा था. डा. कुबेर हास्पिटल के पिछवाडे परिसर में प्लास्टिक और रबर से बनने वाले चप्पलों का बडा गोदाम है. इस गोदाम में 31 मार्च की रात अचानक आग लगने से परिसर में खलबली मच गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित कर लिया इसकी वजह से आस पास के दूकान अथवा मकान को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है.

    गोदाम में आग लगने के बाद प्लास्टिक और रबर के धुएं से आस पास के नागरिकों को घुटन सी महसूस होने ली. इतना ही नहीं परिसर के नागरिक घर के बाहर निकले तो उन्हे भी धुएं का सामना करना पडा. वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. इसलिए बुजुर्गो को वहां से बाहर निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.

    आस पास के लोगों ने तुरंत पुलिस और अग्नीशामक दल को फोन पर आग लगने की सूचना दी. किंतु महानगर की गलिया तंग होने की वजह से वहां तक पहुंचने में अग्नीशामक दल को घुमकर आना पडा. रबर और प्लास्टिक होने की वजह से आग बडी तेजी से बढ रही थी और गोदाम धधक रहा था. भले बाहर से आग की भीषणता कम दिखाई दे रही थी. किंतु भीतर में बडी तेजी से आग जल रही थी. इसलिए पुलिस और अग्नीशामक दल को आग नियंत्रित करने में 5 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. किस्मत से आग ने आस पास के घरों को अपनी चपेट में नही लिया अन्यथा बडा हादसा हो सकता था.

    लक्षागृह बन सकते है कबाड दूकान

    महानगर का तेजी से विकास हुआ है इसकी वजह से अनेक जो कबाड की दूकान पहले शहर के बाहर थी अब वह रिहायशी एरिया में आ गई है. यहां के गोदाम में जिस प्रकार आग लग गई है ऐसे ही कबाड दूकानों में आग लग जाये तो आस के पास के एरिया के लक्षगृह बनने में देर नहीं लगेगी.

    बल्लारपुर तहसील के बामनी स्थित एक कबाड दूकान में कई बार आग लगने से तंग आकर वहां के निवासियों ने दूकान को स्थानांतरित कराने के लिए प्रशासन की मदद ली. शहर की कबाड दूकानों यदि ऐसी आग लग जाये तो भारी जान माल का नुकसान हो सकता है. इसलिए इस ओर प्रशासन को ध्यान देकर कबाडियों की दूकानों को शहर के बाहर स्थानांतरित करनी चाहिए.