File Photo
File Photo

    Loading

    वरोरा. जिले के किसानों को प्रतिवर्ष सुलतानी संकट का सामना करना पड़ रहा है. हाल के बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसी प्रकार किसान अपने को संभाला है कि अब शीत लहर के बीच जंगली जानवरों ने रबी फसलों का नुकसान पहुंचा रहे है. जिससे किसानों की खड़ी फसलें नष्ट होने से किसान काफी चिंता में पड़ गए है 

    किसान दिन रात जीवन की परवह किए बिना खेतों में पसीना बहाते है रात के समय अपना जीवन खतरे मे डालकर रात भर जागरण करते है. परंतु रात में जंगली सूअरों का झूंड खेतों में प्रवेश कर उनकी सम्पूर्ण फसल को ध्वस्त कर देता है. इन दिनों वरोरा और चिमूर तहसील में सम्पूर्ण रबी हंगाम में चना, गेहूं, उडद, लाखोडी, तुअर, पोपट आदि फसल को जंगली सूअरों ने पूरी तरह से नष्ट करना शुरु दिया है. जंगली जानवरों का डर ठंड की वजह से किसान खेतों में मचान बांधकर फसलों की रखवाली करने से डर रहे है. कड़ी मेहतन से ली गई फसल को नष्ट होता देख किसानों के आंखों से आंसू बह रहे है नुकसान सहन करने के सिवाय किसानों के सामने कोई चार नहीं है. 

    वन्यप्राणियों के बंदोबस्त की जिम्मेदारी वनविभाग पर होती है प्रतिवर्ष किसानों के लिए सिरदर्द बन चुके जंगली सूअरों के बंदोबस्त के लिए प्रशासन की ओर से किसी भी उपाय योजना नहीं की जा रही है. इसके विपरित किसान द्वारा अपनी फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए उपाययोजना किए जाने पर उस पर कानूनी पचड़े में फंसने का खतरा मंडराता है. ऐसी कई घटनाएं तहसील में हुई है. जंगली सूअरों के बंदोबस्त के लिए प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की उपाय योजना नहीं किए जाने से किसान काफी हताश है जिससे किसानों में वन प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया जा रहा है.