भाई के हत्यारे कैदी की जेल में संदिग्ध मौत, कारागृह में मचा हड़कम्प

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  • कारागृह प्रशासन की रहस्यमयी चुप्पी

चंद्रपुर: चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती कारागृह में अपने सगे भाई की हत्या के मामले में विचाराधीन कैदी अंकित रामटेके की आज शनिवार को संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने से कारागृह प्रशासन में हड़कम्प मच गया. इस घटना की वास्तविकता जानने का जब प्रयास किया गया तो चंद्रपुर जिला कारागृह के अधीक्षक खैरे ने फोन नहीं उठाया. घटना के बाद कारागृह में सख्त पहरा लगा दिया गया था किसी को भीतर जाने नहीं दिया गया.

कारागृह में यदि किसी भी कैदी की किसी भी अवस्था में मौत होती है तो उसका प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष पंचनामा कर उसका शव तुरंत नागपुर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया जाता है. यहां कारागृह प्रशासन ने पूरी चाकचौबंद अवस्था में प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मृतक के शव का पंचनामा बनाया गया देर शाम तक उसका शव जिला मध्यवर्ती कारागृह में ही रखा हुआ था.

प्राप्त समाचार अनुसार आज शनिवार 26 दिसंबर को जिला कारागृह में एक कैदी की मौत की जानकारी मिलते ही मीडिया और अन्य लोगों ने घटना की हकीकत जानने का प्रयास किया परंतु देर शाम तक किसी बाहरी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया गया.दोपहर में प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष घटना का पंचनामा कियागया. इस समय पुलिस अधिकारी, न्यायदंडाधिकारी एवं कारागृह के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

कारागृह में आसपास सौ से अधिक कैदी होते है. बताया जाता है कि अंकित ने अपने पतलून के नाड़े से फांसी लगा ली और फांसी लगाते हुए किसी को दिखाई ना दे इसलिए उसने टॉवेल और शर्ट सामने टंगा रखा था. थोड़ी देर में टावेल नीचे गिरने से वह फांसी पर लटका हुआ नजर आया. घटना की जानकारी मिलते ही कारागृह प्रशासन में खलबली मच गई और कारागृह प्रशासन ने परिसर के गेट सील कर दिए और किसी को अंदर आने नहीं दिया गया. 

प्रेमिका के लिए सगे भाई की ली थी जान

दुर्गापुर निवासी अंकित रामटेके 21 ने अपनी प्रेमिका के साथ छेड़छाड करने के चलते अपने छोटे भाई अनिकेत उर्फ गोलू विपुल रामटेके 17 की जुलाई 2020 के मध्य में हत्या कर उसकी लाश जमीन में दफना दी थी.मां द्वारा पूछे जाने पर उसे झूठी कहानी गढ कर उसके बाहर गांव कमाने जाने की बात कही थी. लगभग 10-15 दिनों से लापता बेटे की कुछ भी खबर नहीं मिलने और अंकित के भी अचानक गायब होने से उसकी मां ने पुलिस में इसकी शिकायत की.

पुलिस ने अंकित का फोन ट्रेस कर इरई नदी रोड पर एक गोशाला में उसे धरदबोचा. पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने भाई की हत्या का अपराध स्वीकार लिया था. पुलिस ने हत्या के आरेाप में उसे और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था. तब से आरोपी अंकित न्यायिक हिरासत में था.