प्रकल्पग्रस्तोंने आर्थिक मुआवजे की शर्त ठुकराई; अन्नत्याग आंदोलन शुरू, आंदोलक अपनी मांगों पर अडिग

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    घुग्घुस: जिले में सुबई-चिंचोली गांव में प्रकल्पग्रस्त परिवार एवं बी.आर.एस.पी के जिला महासचिव सुरेश मल्हारी पाईकराव के नेतृत्व में नागपुर के संविधान चौक में अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया है. 14 दिनों से शुरू धरना आंदोलन की वेकोलि द्वारा दखल नहीं लिए जाने से सोमवार से आक्रमक भूमिका अपनाते हुए अब अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया है.

    2014 में भूमि अधिग्रहण कानून अंतर्गत सेक्शन 11 लगाकर भूमि का मालिकाना हक वेकोलि ने हासिल किया. इसके उपरांत 2016 में वेकोलि की ओर से किसानों का करारनामा करने के लिए कागजात जमा करने का कहा गया. सभी किसानों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए वेकोलि सीजीएम आफिस धोपटाला में अपने कागजात जमा किए.

    इसके बाद वेकोलि की ओर से कहा गया कि शीघ्र ही करारनामा होकर भूमि का मुआवजा और नौकरी दी जाएगी. इस दौरान आंदोलन में शिष्टमंडल को किसानों को भूमि का आर्थिक मुआवजा एव नौकरी इन दोनों में से केवल आर्थिक मुआवजा देने का वेकोलि ने मान्य किया परंतु इस शर्त को ठूकरा दिया गया. आखिरकार 13 दिसंबर 2021 से अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया.

    दस वर्ष से मुआवजा नहीं

    205 किसानों की 456.75 एकड खेत भूमि दस वर्ष से वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र में अंतर्गत अधिग्रहित की गई. इसमें वेकोलि की ओर से अगस्त 2010 को सेक्शन 4 लगाकर गांव में जनसुनवाई की गई और प्रत्येक परिवार के व्यक्ति को नौकरी एवं भूमि का मुआवजा दिया जाएगा. ऐसा आश्वासन दिया गया. अब तक मुआवजा एंव नौकरी नहीं दी गई.

    वेकोलि के साथ चर्चा निरस्त

    अब दस वर्ष बीतने के बाद भी प्रकल्पग्रस्तों को कुछ भी मुआवजा नहीं मिलने से आखिरकार 30 नवंबर से वेकोलि के सीएमडी कार्यालय के सामने धरना आंदोलन शुरू किया है. इस दौरान वेकोलि प्रशासन के साथ 30 नवंबर, 2 दिसंबर, 8 दिसंबर, 11 दिसंबर, 13 दिसंबर को चार बार हुई चर्चा में कुछ भी हल नहीं निकल पाया है. इससे प्रकल्पग्रस्त आक्रमक हो गए है.