गड़चिरोली में प्रथम बार 11 कुष्ठरोगीयों पर शल्यक्रिया, जिलाधिकारी संजय मीणा का प्रयास

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    गड़चिरोली. सहाय्यक संचालक स्वास्थ्य सेवा (कुष्ठरोग) गड़चिरोली व प्लास्टीक सर्जन विभाग वैद्यकीय महाविद्यालय नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में जिला अस्पताल में प्रथम बार 11 कुष्ठरोगीयों पर शल्यक्रिया कर उन्हे नवजीवन प्रदान किया गया. 

    कुष्ठरोग होनेवाले अनेक मरीजों के हाथ, पैरों के स्नायू अकड़ते है. उन्हे दैनदिन जीवनयापन करना कठीण होता है. इन मरीजों पर शल्यक्रिया करने हेतु नागपुर, अमरावती में ही शल्यक्रिया की सुविधा है. किंतू गड़चिरोली जिले के मरीजों को गड़चिरोली में ही शल्यक्रिया करने का कार्य प्रथम बार हुआ है. ‘आझादी का अमृत महोत्सव’ व सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय नागपुर अमृत महोत्सवी वर्ष के उपलक्ष्य में कुष्ठरोग पर उक्त पुनर्रचनात्मक शल्याक्रिया इस प्रकार की प्लास्टीक सर्जरी की गई.

    जिलाधिकारी संजय मीणा के प्रयास से बिते माह लिए गए पुनर्रचनात्मक शल्यक्रिया पूर्व जांच शिविर सरकारी महाविद्यालय व अस्पताल नागपुर के प्लास्टीक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. एस. बी. पाटील के उपस्थिती में हुआ. विकृती होनेवाले कुष्ठरोगीयों की जांच की गई. जांच के बाद 11 मरीजों का शल्यक्रिया के लिए चयन किया गया.

    उक्त शल्यक्रिया वैद्यकीय महाविद्यालय नागपुर के प्लास्टीक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. एस. बी. पाटील व डा. अली के दल ने किया. शिविर की सफलता हेतु अतिरिक्त शल्यचिकित्सक डा. सोलंकी, सहाय्यक संचालक डा. सचिन हेमके, डा. अमित सालवे, डा. माधुरी किलनाके, डा. तारा वलके, वांढरे, गेडकर, राजेश पराते, राजेंद्र ठोके समेत सभी कुष्ठरोग विशेषज्ञों ने सहयोग किया. 

    यह प्रक्रिया आगे भी रहेगी शुरू -डा. रूडे

    पुनर्रचनात्मक शल्यक्रिया हेतु सभी स्तर से सयाहेग कर इसके बाद भी यह प्रक्रिया ऐसी ही चलेगी, ऐसी जानकारी जिला शल्यचिकित्सक डा. अनिल रूडे ने दी है. 

    कृति कार्यक्रम चलाया जाएगा-डा. सालवे 

    भविष्य में कुष्ठरोग व आनेवाले विकृति को नियंत्रण में रखने के लिए अनुसंधान पर आधारित कृति कार्यक्रम चलाने की बात जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दावल सालवे ने इस समय कहीं.