गड़चिरोली जिला विकास के मुख्य प्रवाह में लाएंगे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार का प्रतिपादन

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    • अहेरी उपकोषागार कार्यालय के नई इमारत का ऑनलाईन उद्घाटन

    गड़चिरोली. नैसर्गिक साधनसंपत्ती, लोककला, लोकसंस्कृति से संपन्न आदिवासीबहुल गड़चिरोली जिले में सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, अस्पताल, पोलाद प्रकल्प आदि पायाभूत सुविधाओं का निर्माण शुरू है. उस माध्यम से सभी समाज घटकों को विकास के मुख्य प्रवाह में लाया जा रहा है, ऐसा प्रतिपादन राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किया.

    गडचिरोली जिले के अहेरी उपकोषागार कार्यालय के नए इमारत का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाथों मंत्रालय से ऑनलाईन पद्धती से हुआ. इस समय वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में वित्त राज्यमंत्री शंभूराजे देसाई, नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव नितीन गद्रे, लेखा व कोषागारे प्रधान सचिव आभा शुक्ला, लेखा व कोषागारे संचालक वैभव राजेघाटगे, उपसचिव इंद्रजित गोरे, सहसंचालक स्मिता कुलकर्णी, स्वप्नजा सिंदकर, अहेरी उपकोषागार कार्यालय के विभागीय सहसंचालक सुवर्णा पांडे, जिला कोषागार अधिकारी लक्ष्मण लिंगालोड, उपकोषागार अधिकारी पंकज मुधोलकर, मनोज कंगाली आदि समेत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी  उपस्थित थे.

    गड़चिरोली के विकास हेतु निधी कम नहीं होने देंगे 

    पोलाद प्रकल्प के माध्यम से आगामी कालावधि में गडचिरोली जिले में बड़ी निवेश, रोजगार निर्मिती, राजस्व वृद्धी का प्रयास है. लष्करी अस्पताल के तर्ज पर जिला पुलिस के लिए मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल निर्माण किया जा रहा है. वडसा-गडचिरोली रेलवे मार्ग के लिए भी भारी निधी दिया जा रहा है. रेलवे मार्ग का कार्य भी जल्द ही होगा. गडचिरोली जिले के विकास हेतु निधी कम नहीं होने देंगे, ऐसी ग्वाही उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दी. 

    उपकोषागार कार्यालय जुडा सेंट्रल सर्व्हर से 

    राज्य सरकार की कोषागार, उपकोषागार कार्यालय यह सरकारी व्यवस्था की काफी महत्वपूर्ण कार्यालय है. सरकार से संबंधित अधिकांश सभी का किसी ना किसी कारणों से इस कार्यालय से संबंध आता है. महाराष्ट्र सरकार के वित्तीय संरचना में ‘कोषागरे’ यह महत्वपूर्ण दुवा है. राज्य के आर्थिक व्यवहार को कोषागार के यंत्रणा से ही आर्थिक शिस्त की चौकट तैयार हुई है.

    राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए यह काफी महत्वपूर्ण बात है. अहेरी उपकोषागार कार्यालय सेंट्रल सर्व्हर से जोडा है. जिससे उपकोषागार के दैनिक, मासिक लेखे, दैनंदिन देयकों के स्थिती का नियंत्रण राज्यस्तर से करना संभव होनेवाला है. उसका भी कामकाज सुधारने में लाभ होगा, ऐसा विश्वास उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने व्यक्त किया.