फायलेरिया बाहर करने सहयोग करे, जिलाधिकारी मीणा का आह्वान

Help to get rid of , call of District Magistrate Meena

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    गड़चिरोली. जिले के चामोर्शी व आरमोरी इन 2 तहसीलों में 10 से 20 फरवरी 2023 से फायलेरिया दूरिकरण सामुदायिक दवा उपचार मुहिम शुरू किया जा रहा है. अपने क्षेत्र से फायलेरिया को दूर करने के लिए सभी इस एक दिवसीय सामुदायिक दवा उपचार मुहिम को सहयोग करे, ऐस आह्वान जिलाधिकारी संजय मीणा ने किया. 

    राष्ट्रीय किटकजन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत विश्व दुर्लक्षित उष्णकटीबंधीय बिमारी दिवस 30 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय गड़चिरोली में मनाया गया. इस समय जिलाधिकारी संजय मीणा बोल रहे थे. कार्यक्रम में जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार आशीर्वाद, स्वास्थ्य सेवा (मलेरिया) नागपुर के सहाय्यक संचालक डा. श्याम निमगडे, विश्व स्वास्थ्य संगठना के सल्लागार डा. भाग्यश्री त्रिदेवी, अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय जठार, सहाय्यक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. सुनिल मडावी, जिला मलेरिया अधिकारी डा. कुणाल मोडक उपस्थित थे. 

    17 बिमारियों में फायलेरिया का समावेश 

    विश्व स्वास्थ्य संगठना ने विश्वभर के 17 बिमारियों की गणना दुर्लक्षित उष्णकटिबंधीय बिमारियों से की है. इन 17 बिमारियों में फायलेरिया इस बिमारी का समावेश है. इस बिमारी के प्रतिबंध व नियंत्रण के लिए आवश्यक वह कदम उठाने का आह्वान सभी देशो को विश्व स्वास्थ्य संगठना ने किया है. 

    फायलेरिया के लक्षण 

    फायलेरिया से किसी की मृत्यू नहीं होती है. जिस कारण बिमारी की तिव्रता कम है. किंतु इस बिमारी से फायलेरिया मरीज की सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन बर्बाद होता है. फायलेरिया यह जंत जैसे परजिवि व क्युलेक्स मच्छर के मार्फत होनेवाले संक्रमक बिमारी है. कुलेक्स मच्छर की उत्पत्ती सांडपानी, सेप्टिक टैंक, गटार ऐसी गंदे पानी में बडी मात्रा में होती है. मच्छर काटने से फायलेरिया के जंतू व्यक्ति के खून में छोडे जाते है. वहां उसकी वृद्धि बडे कृति में होती है. बडी कृमि लासिकाग्रंथी व लसिकावाहिनी में रहने से हाथ तथा खासकर पैर को सुजन आती है. इय पैस हाथी के पैर जैसा बडा दिखने लगाता है.

    इसका कारणा इस बिमारी को हाथीपांव की बिमारी कहीं जाती है. खासकर एक बार सुजन आए पैर फिर से पूर्ववत करने के कोई उपाययोजना नहीं है. इस सुजन आए पैर व अन्य जीवाणू का इन्फेक्शन होने से वहां असंहनीय दर्द होते है. बुखार आता है. फायलेरिया में पैर को सुजन आती है. वहीं कुछ पुरूष मरीजों में अंडाशय को सुजन आने से अंडाशय बडा होता है. अंगरेजी में इसे हायड्रोसिल कहां जाता है. हायड्रोसिल की परेशानी शल्यक्रिया से दूर की जा सकती है. 

    फायलेरिया पर पा सकते है, नियंत्रण 

    फायलेरिया दूरिकरण मुहिम में अपने क्षेत्र के फायलेरिया मरीज को मदद करना, उनका मनोबल बढाना, अंडवृद्धि मरीज को शल्यक्रिया के लिए प्रवृत्त करना, फायलेरिया मरीज को पैरों का ध्यान रखने को बतारा ऐसे अनेक कार्य कर हम फायलेरिया पर नियंत्रण पा सकते है, ऐसा आह्वान विश्व दुर्लक्षित उष्णकटीबंधीय बिमारी दिवस के उपलक्ष्य में जिलाधिकारी संजय मीणा ने किया.