Naxalite Leader Died

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गडचिरोली. आंध्र प्रदेश निवासी  और नक्सली आंदोलन के केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे सुदर्शन कटकम उर्फ ​​आनंद की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. वह 69 वर्ष के थे. सरकार ने उस पर 80 लाख का इनाम रखा था. वह पिछले अनेक वर्षो से पुलिस के लिए ‘मोस्ट वांटेड’ था. नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर इस संबंध में जानकारी दी है.

आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद जिले के बेल्लमपल्ली गांव में जन्मे सुदर्शन ने खनन का अध्ययन किया. 1978 में वह नक्सली आंदोलन में सक्रिय हो गया. शुरुआत में आदिलाबाद जिला सचिव के रूप में काम करते हुए सुदर्शन 1985 में एक अपराधी बन गया. उसे गडचिरोली जिले में सिरोंचा दस्ते का नेतृत्व सौंपा गया था. वह दंडकारण्य में सक्रिय था.

इसके बाद छत्तीसगड राज्य के बस्तर तक पहुंच गया. आदिलाबाद, गडचिरोली, बस्तर से पूर्वी गोदावरी तक फैले ‘रिट्रीट जोन’ को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह  भाकपा माले जनयुद्ध की ‘एक संपर्क समिति’ के सदस्य था.  वर्ष 1995  में नवगठित ‘उत्तर तेलंगाना विशेष क्षेत्रीय समिति’ के सचिव के रूप में उसकी नियुक्त की गई थी. उसके बाद वह ‘अखिल भारतीय विशेष सम्मेलन’ में केंद्रीय समिति के लिए चुना गया. और 2001 व 2007 में  उसे केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में चुना गया.

नक्सली आंदोलन में उसे ‘कॉमरेड आनंद’ के नाम से जाना जाता था. वह पुलिस के साथ कई मुठभेड़ों में बाल-बाल बचा. उसकी नक्सल आंदोलन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका थी.वह पिछले कुछ सालों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीडि़त था. आखिरकार 31 मई को छत्तीसगढ़ के जंगलों में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गयी. ऐसी जानकारी नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई.