Electricity bill also increased due to online payment, loss to consumers due to department's mistake
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    गड़चिरोली. बिजली के किंमतों में हुई व्यापक वृद्धि तथा बिजली का बढा अधिक उपयोग, इस कारण नागरिक बिजली बील बचाने के लिए मीटर से छेड़खानी करने का प्रयास करते है. किंतू ग्राहकों की यह चोरी महावितरण के निदर्शन में आयी है. अब बिजली चोरी करने पर घर में कायम का अंधेरा, साथ ही 50 हजार का जुर्माना तथा पुलिस कार्रवाई का सामना भी संबंधितों को करना पडेगा. जिससे बिजली चोरी करनेवाले ग्राहकों पर नकेल कसने में अब महावितरण को सफलता मिलनेवाली है. 

    संबंधित ग्राहकों के मांग के अनुसार डिमांड भरने के बाद महावितरण कंपनी द्वारा बिजली मिटर लगाते हुए बिजली सेवा उपलब्ध कराई जाती है. इस दौरान ग्राहकों द्वारा बिजली का उपयोग किस पद्धति से किया जाता है, इसकी जांच महावितरण द्वारा की जाती है. इसके लिए घर के इलेक्ट्रिक साहित्य कितने है, इसका अनुमान लगाया जाता है.

    अनेक ग्राहक विभिन्न शक्कल लगाकर बिजली चोरी करते है. इसके लिए मीटर में छेडखानी करना, मीटर फाल्टी दिखाना तथा कुछ ग्राहक काफी कम युनिट जलाने मीटर में दिखाते है. किंतू बिजली बील बचाने के लिए की गई यह हेराफेरी अब ग्राहकों को महंगी पड सकती है. भारतीय बिजली कानुन के 135,138,126 धारा के तहत  संबंधितों पर मामला दर्ज कर फौजदारी मामला दर्ज किया जा सकता है. जिससे बिजली चोरी करने के पूर्व ग्राहकों को काफी विचार करना पडेगा. 

    ऐसी होगी जुर्माने की कार्रवाई 

    किसी ग्राहक ने अगर बिजली मीटर में छेड़खानी की हो तो मीटर जब्त किया जाता है. इसके पश्चात बिते वर्ष तक का बिजली बील वसूला जाता है. इसमें भी जुर्माने की की राशी भरनी पड़ती है. जुमा्रना न भरने पर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर मामला दर्ज किया जाता है. इसमें 50 हजार रूपयों तक के जुर्माने का प्रावधान है. 

    महावितरण द्वारा होगी जांच 

    बिजली वितरण कंपनी बिजली मीटर लगाते समय ग्राहकों से आवेदन भरा जाता है. इसमें घर के इलेक्ट्रिक वस्तूएं, बल्ब का कितना उपयोग किया जाएगा, किसके लिए बिजली का उपयोग किया जाएगा इस संदर्भ में जानकारी ली जाती है. जिसके तहत संबंधित ग्राहकों के कितना बिजली युनिट जल सकता है, इसका अनुमान लगाया जाता है. इसमें फर्क दिखाई देने पर तथा अगर किसी ने शिकायत की हो तो महावितरण के अधिकारी, कर्मचारी मीटर की जांच करते है.