अभिभावकों ने स्कूल पर जड़ा ताला , 1 से 7 कक्षाओं को पढ़ाते हैं महज 2 शिक्षक, पद भरने की मांग

    Loading

    चामोर्शी . तहसील के तलोधी (मोकसा) केंद्र अंतर्गत आनेवाले जिला परिषद स्कूल भाडभिडी (मो.) इस स्कूल में कक्षा 1 से 7 तक शिक्षा की सुविधा है. किंतु इस स्कूल में केवल 2 ही शिक्षक कार्यरत होकर छात्रों की संख्या 67 है. विगत डेढ़ वर्षों से और 2 शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग पंस स्तर पर की थी. किंतु शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई जिससे संतप्त अभिभावक व स्कूल प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने 28 जून को स्कूल के प्रथम दिन ही स्कूल को ताला जड़कर अपना रोष प्रकट किया. इस आंदोलन के चलते शिक्षा क्षेत्र में खलबली मची है. 

    भाडभिडी (मो.) जिला परिषद स्कूल में डेढ़ वर्ष पूर्व 4 शिक्षक कार्यरत थे. उसमें से शिक्षिका विना तराडे यह वैद्यकीय अवकाश पर रहते समय 8 जुलाई 2020 को निधन हो गया. वहीं शिक्षक विवेक रामटेके का चंद्रपुर जिले में तबादला हुआ. जिस कारण स्कूल में केवल 2 शिक्षक कार्यरत हैं. अन्य 2 शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर सकूल प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने गुटशिक्षणाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शिक्षक देने की मांग की थी. किंतु संबंधित विभाग की ओर से मांग की ओर अनदेखी की गई. जिससे समिति के पदाधिकारियों ने 25 जून तक शिक्षकों की नियुक्ति न करने पर स्कूल को ताला जड़ने की चेतावनी दी थी.

    जिसके तहत 28 जून को स्कूल का शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ. शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारी व अभिभावकों ने स्कूल के प्रथम दिन ही स्कूल को ताला जड़ दिया. जिससे शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई. इस दौरान स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष धनराज शेट्टे, उपाध्यक्ष चरणदास कुनघाडकर, सदस्य विलास कुनघाडकर, विकेश नैताम, सुरेश बंडावार, अरुण शेट्टे, भैयाजी नैताम, तंमुस अध्यक्ष भाऊराव नैताम, पालक जगन्नाथ कुनघाडकर, उमेश नैताम, संजय वैरागडे, नीरज वैरागडे, रंगनाथ गेडाम समेत नागरिक उपस्थित थे.

    अध्यापन करने में हो रही मशक्कत 

    बीते वर्ष से छात्रों के बिना स्कूल शुरू है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों के अनेक पद रिक्त हैं. ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा मिलना भी मुश्किल है. लेकिन स्कूल में छात्रों के संख्या के अनुसार भी शिक्षक नहीं हैं. जिससे ग्रामीण अंचल में शिक्षा का बंटाढार नजर आ रहा है. संबंधित स्कूल में सातपुते नामक शिक्षक प्रधानाध्यापक का पदभार संभाल रहे हैं. वहीं विनोद गंफावार यह सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत है. प्रधानाध्यापक को शिक्षा विभाग का पत्रचार व सभा आदि कार्य करने पड़ते हैं. जिससे 1 शिक्षक को कक्षा 1 से 7 तक छात्रों को अध्यापन करना मुश्किल हो रहा है. जिस कारण शाला प्रबंधन समिति व अभिभावकों में शिक्षा विभाग के प्रति रोष व्यक्त किया जा रहा है. 

    चंदे से खरीदी खेल मैदान की भूमि 

    भाडभिडी गांव के स्कूल के लिए क्रीड़ा मैदान नहीं है. उक्त समस्या को हल करने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति व अभिभावकों ने मिलकर चंदा जमा किया. उक्त चंदे से करीब 1 एकड़ भूमि 3 लाख रुपए में खरीदी की. वहीं क्रीड़ा मैदान तैयार करने के लिए 2 लाख रु. का चंदा जमा कर मैदान तैयार किया. इसके बावजूद शिक्षा विभाग सकूल के रिक्त भरने में टालमटोल कर रहा है. जिससे स्कूल प्रबंधन समिति के पदाधिकारी व अभिभावकों से रोष व्यक्त हो रहा है. 

    समस्या से वरिष्ठों को कराया अवगत : मेश्राम 

    भाडभिडी (मो.) के जिला परिषद स्कूल को शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारी व अभिभावकों द्वारा ताला जड़ने की जानकारी मिलते ही तलोधी मो. केंद्र के केंद्र प्रमुख गौतम मेश्राम ने स्कूल को भेंट दी. इस दौरान जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तब तक स्कूल नहीं खोलने की बात ग्रामीणों ने केंद्र प्रमुख से कही. जिससे केंद्रप्रमुख गौतम मेश्राम ने इस समस्या को लेकर वरीष्ठों को सूचित उक्त समस्या हल करने की बात कही है.